जयपुर: केंद्र सरकार की ओर से लाई गई नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम का अभी से विरोध तेज हो गया है. स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (STFI) और राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने सरकार की ओर से घोषित यूनिफाइड पेंशन योजना को अस्वीकार कर दिया है. साथ ही राजस्थान सरकार को चेतावनी दी है कि राज्य में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के साथ कोई छेड़छाड़ न करें. अन्यथा राज्य के शिक्षकों और कर्मचारियों का आक्रोश की सरकार को झेलना पड़ेगा.
केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा. इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट के बाद आजीवन दिया जाएगा. हालांकि कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक सेवा देनी होगी. समय-समय पर इस पेंशन में महंगाई राहत भी जोड़ा जाएगा.
हालांकि स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (STFI) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग सहित अन्य पदाधिकारियों ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संघीय सरकार ने भ्रमित करने के लिए NPS का नाम बदलकर UPS कर दिया है. ये आन्ध्रप्रदेश सरकार की आश्वस्त पेंशन योजना (Assured pension scheme) की नकल है और ये केवल NPS में सुधार है, जो स्वीकार्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि OPS को राजनीतिक मुद्दा बन जाने से बीते लोकसभा चुनाव में इसके प्रभाव भी देखने को मिला था. कर्मचारियों के आक्रोश और भावी राजनीतिक नुकसान को देखते हुए केन्द्रीय सरकार ने कर्मचारियों को थोड़ी सी राहत देकर छलने की कार्ययोजना बनाई है. ऐसे में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कर्मचारियों का OPS को लेकर ना केवल संघर्ष जारी रहेगा बल्कि नई उर्जा के साथ इस आन्दोलन को ओर तेज किया जाएगा. पुरानी पेंशन योजना का कोई भी विकल्प स्वीकार नहीं है. उन्होंने राजस्थान सरकार को भी चेताते हुए कहा कि राज्य में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के साथ कोई छेड़छाड़ करने की हिमाकत न करें. अन्यथा राज्य के शिक्षकों और कर्मचारियों के आक्रोश की ज्वाला सरकार बर्दाश्त नहीं कर पाएगी.
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