अब अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने के कारण RPSC को तो इंतजाम करने पड़ रहे है लेकिन अभ्यर्थियों की उपस्थिति काफी कम रहेगी। खुद अभ्यर्थियों को भी अब परीक्षा की तिथि आने अपनी गलती पर अहसास हुआ है।
विशेष शिक्षा की डिग्री जरूरी
आरसीआई (भारतीय पुनर्वास परिषद) के अनुसार विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने या इस क्षेत्र का शिक्षक बनने के लिए आरसीआई के अधिकृत संस्थानों से डिग्री लेना आवश्यक है। बिना पाठ्यक्रम के पढ़ाने वालों पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। इसलिए लोक सेवा आयोग ने भी स्पष्ट कर दिया कि किसी भी विषय में सामान्य शिक्षा के अभ्यर्थियों को नियुक्ति के समय अनुमति नहीं दी जाएगी।सामान्य अभ्यर्थियों ने भी भर दिए फार्म
RPSC ने 2015 में द्वितीय श्रेणी विशेष शिक्षकों के लिए आवेदन मांगे थे। इस दौरान प्रदेश के सैकड़ों सामान्य शिक्षा के अभ्यर्थियों ने भी इस परीक्षा में आवेदन कर दिया है। जबकि इस परीक्षा के आवेदन फार्म में स्पष्ट तौर पर लिखा था कि विशेष शिक्षा की डिग्री वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते है। आरपीएससी के अधिकारियों का तर्क है कि परिणाम आने तक संबंधित पाठ्य़क्रम का परिणाम आना जरूरी होता है। इसलिए अंतिम वर्ष के अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाता है।
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