राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान शिक्षक भर्ती रीट 2015 मामले की अन्य याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जस्टिस केएस आहलुवालिया की बेंच में हुई सुनवाई में सरकार को रीट सेकंड लेवल के ऑफलाइन आवेदनों के लिए 15 दिन का और समय देने के निर्देश दिए गए।
वहीं विषय संबंधी विवाद को लेकर दायर एक अन्य याचिका पर शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। गौरतलब है कि बुधवार को ही अदालत ने भर्ती प्रक्रिया पर आपत्ति जताने वाली दो याचिकाओं को खारिज करते हुए 15 हज़ार पदों पर हो रही इस भर्ती पर लगी रोक हटा दी थी।
गुरुवार को याचिकाकर्ता मनीष मोहन वोहरा की ओर से लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के एडवोकेट विज्ञान साहा ने एनसीटी का हवाला देते हुए बीए और बीएड के अंकों को शामिल कर रीट के तहत भर्ती किये जाने की गुहार लगाई थी। लेकिन कोर्ट ने इस पक्ष को यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि ऐसी व्यवस्था इस बार से नहीं बल्कि आगामी भर्ती से लागू की जा सकेगी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस आहलुवालिया ने सरकार से कहा कि रीट शिक्षक भर्ती 2015 की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। कोर्ट ने विषय संबंधी (बीए-बीएड हिंदी-अंग्रेजी) याचिका पर याचिकाकर्ता के एडवोकेट साहा को इसी तरह के मामले में गठित कोठारी आयोग की रिपोर्ट पढ़कर आने को कहा गया। अब इस विषय संबंधी मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
अदालत के इस रुख से अब ये साफ़ हो गया है कि रीट शिक्षक भर्ती 2015 के पहले लेवल को लेकर अब किसी तरह का विवाद नहीं रह गया है। जबकि दूसरे लेवल के लिए कोर्ट ने विषय संबंधी समस्याओं पर शुक्रवार को सुनवाई रखी है। साथ ही ऑफलाइन रीट अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करते हुए सरकार को 15 दिन के लिए आवदेन प्रक्रिया बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
इनका कहना है:
''राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ लगातार इस संघर्ष में है कि सरकार रीट 2015 शिक्षक भर्ती के सभी विवादों को सुलझाकर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दें। साथ ही रीट 2013 के 7 हज़ार चयनित अभ्यर्थियों को भी जल्द से जल्द नियुक्तियां दी जाएं। यदि अब भी सरकार ने ढिलाई रखी तो आगामी 14 नवंबर से बेरोज़गार फिर से सड़क पर उतरकर आंदोलन की राह पकड़ेंगे।''
-उपेन यादव, अध्यक्ष, राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
वहीं विषय संबंधी विवाद को लेकर दायर एक अन्य याचिका पर शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। गौरतलब है कि बुधवार को ही अदालत ने भर्ती प्रक्रिया पर आपत्ति जताने वाली दो याचिकाओं को खारिज करते हुए 15 हज़ार पदों पर हो रही इस भर्ती पर लगी रोक हटा दी थी।
गुरुवार को याचिकाकर्ता मनीष मोहन वोहरा की ओर से लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के एडवोकेट विज्ञान साहा ने एनसीटी का हवाला देते हुए बीए और बीएड के अंकों को शामिल कर रीट के तहत भर्ती किये जाने की गुहार लगाई थी। लेकिन कोर्ट ने इस पक्ष को यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि ऐसी व्यवस्था इस बार से नहीं बल्कि आगामी भर्ती से लागू की जा सकेगी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस आहलुवालिया ने सरकार से कहा कि रीट शिक्षक भर्ती 2015 की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। कोर्ट ने विषय संबंधी (बीए-बीएड हिंदी-अंग्रेजी) याचिका पर याचिकाकर्ता के एडवोकेट साहा को इसी तरह के मामले में गठित कोठारी आयोग की रिपोर्ट पढ़कर आने को कहा गया। अब इस विषय संबंधी मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
अदालत के इस रुख से अब ये साफ़ हो गया है कि रीट शिक्षक भर्ती 2015 के पहले लेवल को लेकर अब किसी तरह का विवाद नहीं रह गया है। जबकि दूसरे लेवल के लिए कोर्ट ने विषय संबंधी समस्याओं पर शुक्रवार को सुनवाई रखी है। साथ ही ऑफलाइन रीट अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करते हुए सरकार को 15 दिन के लिए आवदेन प्रक्रिया बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
इनका कहना है:
''राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ लगातार इस संघर्ष में है कि सरकार रीट 2015 शिक्षक भर्ती के सभी विवादों को सुलझाकर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दें। साथ ही रीट 2013 के 7 हज़ार चयनित अभ्यर्थियों को भी जल्द से जल्द नियुक्तियां दी जाएं। यदि अब भी सरकार ने ढिलाई रखी तो आगामी 14 नवंबर से बेरोज़गार फिर से सड़क पर उतरकर आंदोलन की राह पकड़ेंगे।''
-उपेन यादव, अध्यक्ष, राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ
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