बाड़मेर। राजकीय पीजी महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी के विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भारी पड़ सकती है। प्रवेश होने के बाद विद्यार्थी शिक्षण व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत तो 1 जुलाई से होनी थी, लेकिन कक्षाओं का अता पता भी नहीं है।
दो दिन बीते कक्षाएं नहीं लगीमहाविद्यालय में कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने भले ही शैक्षणिक सत्र काआगाज 1 जुलाई से कर दिया है, लेकिन यहां विभिन्न संकायों की कक्षाएं शुरू तक नहीं हो पाई है। दो दिन बीतनेके बावजूद कक्षाओं के ताले तक नहीं खुले है। वहीं कई छात्र व व्याख्यातानए सत्र की शैक्षणिक शिक्षण व्यवस्था को लेकर रुचि नहीं दिखा रहेहैं।व्याख्याताओं की कमी झेलता कॉलेजमहाविद्यालय में व्याख्याताओं की कमी का खामियाजा हर संकाय को भुगतना पड़ रहा है। कला संकाय की सबसे बुरी हालत है। करीब 2900 छात्र नियमित विद्यार्थी है। यहां व्याख्याताओं के 39 पद स्वीकृत है, जिसमें 22 पदों पर व्याख्याता कार्यरत है। 17 पद खाली पड़े हंै। 2 प्रतिनियुक्ति पर है, वहीं 3 व्याख्याता और सोमवार को प्रतिनियुक्ति पर रिलीव होने वाले हैं। ऐसे में 39 के मुकाबले यहां पर 17 ही रहेंगे। जिससे करीब 2900 छात्र-छात्राओं को शिक्षण व्यवस्था में परेशानी झेलनी पड़ेगी।फैक्ट फाइलस्वीकृत पद- 39कार्यरत -22रिक्त- 17प्रतिनियुक्ति पर - 5इधर, कॉलेज में छात्र राजनीति शुरूराजकीय महाविद्यालय बाड़मेर में इन दिनों माहौल ही अलग है। शहर के कॉलेज परिसर में बड़े-बड़े बैनर व होर्डिंग्स लगे हैं, जहां विभिन्न संगठनों से जुड़े छात्रनेता नवागंतुकों का स्वागत कर रहे हैं। परिसर के भीतर हैल्प डेस्क छात्र संगठनों की ओर से संचालित की जा रही है। शुल्क से लेकर आवेदन तक की तमाम जानकारी दी जा रही है। आने वाले छात्र का परिचय लेकर उसे संगठन से जोडऩे का जतन हो रहा है। कॉलेज में यहबदलाव बड़े शहरों के कैम्पस जैसा लग रहा है। छात्रसंघ चुनावों की घोषणा शनिवार को जाने के बाद सोशल मीडिया पर भी छात्रनेता सक्रिय हो गए हैं। वहीं छात्रनेताओं ने वोट मांगने के लिए विजिटिंग कार्ड भी छपवा लिए हैं।बोले छात्र- यहां पर व्याख्याताओं की भारी कमी है, इसके चलते कोर्स कैसे होगा, हमें खुद समझ नहीं आ रहा है। कई बार जनप्रतिनिधियों का अवगत भी करवा दिया लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है।गजेन्द्रसिंह गोरडिय़ा-दो दिन बीत गए। कब शुरू होगी कक्षाएं? यहां पर तो नए शैक्षणिक सत्र को लेकर उत्साह की जगह शिक्षा को लेकर सूनापन नजर आ रहा है।धर्मेश सेंवर-कॉलेज में पढ़ाई का माहौल नहीं है, इसको लेकर कॉलेज प्रशासन सुधार लाए, अन्यथा छात्र आंदोलन करेंगे। इसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की रहेगी।हिन्दूसिंह मगरा-कॉलेज में पदरिक्तता की वर्षों से समस्या है लेकिन प्रशासन इस और ध्याननहीं दे रहा है। इससे नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ेगी। जल्दी ही व्याख्याताओं की नियुक्ति की जाए।नारणाराम जाणीइधर भी वर्षों से यही समस्याशहर के गल्र्स कॉलेज में लंबे समय से रिक्त पदों के चलते छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कॉलेज मेंव्याख्याताओं के 15 पद स्वीकृत हैं। यहां प्राचार्य उप प्राचार्य की जिम्मेदारी भी व्याख्याताओं के कंधों पर है। ऐसे में प्रबंधन का कार्य संभालने से कॉलेज की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है। वहीं पीटीआई, पुस्तकालयाध्यक्ष, लेखाकार, वरिष्ठ लिपिक, कनिष्ठ लिपिक सहित कई पद रिक्त हैं।व्याख्याताओं के बारे में अवगत करवाया जाएगा- महाविद्यालय में नए सत्र की शुरूआत1 जुलाई से होनी थी, लेकिन प्रथम वर्षकी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर फीस व फार्म जमा करने का कार्य चल रहा है। व्याख्याताओं के बारे में कॉलेज निदेशालय को अवगत करवाया जाएगा।डॉ. विमला आर्य, प्राचार्य, पीजी कॉलेज, बाड़मेर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
दो दिन बीते कक्षाएं नहीं लगीमहाविद्यालय में कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने भले ही शैक्षणिक सत्र काआगाज 1 जुलाई से कर दिया है, लेकिन यहां विभिन्न संकायों की कक्षाएं शुरू तक नहीं हो पाई है। दो दिन बीतनेके बावजूद कक्षाओं के ताले तक नहीं खुले है। वहीं कई छात्र व व्याख्यातानए सत्र की शैक्षणिक शिक्षण व्यवस्था को लेकर रुचि नहीं दिखा रहेहैं।व्याख्याताओं की कमी झेलता कॉलेजमहाविद्यालय में व्याख्याताओं की कमी का खामियाजा हर संकाय को भुगतना पड़ रहा है। कला संकाय की सबसे बुरी हालत है। करीब 2900 छात्र नियमित विद्यार्थी है। यहां व्याख्याताओं के 39 पद स्वीकृत है, जिसमें 22 पदों पर व्याख्याता कार्यरत है। 17 पद खाली पड़े हंै। 2 प्रतिनियुक्ति पर है, वहीं 3 व्याख्याता और सोमवार को प्रतिनियुक्ति पर रिलीव होने वाले हैं। ऐसे में 39 के मुकाबले यहां पर 17 ही रहेंगे। जिससे करीब 2900 छात्र-छात्राओं को शिक्षण व्यवस्था में परेशानी झेलनी पड़ेगी।फैक्ट फाइलस्वीकृत पद- 39कार्यरत -22रिक्त- 17प्रतिनियुक्ति पर - 5इधर, कॉलेज में छात्र राजनीति शुरूराजकीय महाविद्यालय बाड़मेर में इन दिनों माहौल ही अलग है। शहर के कॉलेज परिसर में बड़े-बड़े बैनर व होर्डिंग्स लगे हैं, जहां विभिन्न संगठनों से जुड़े छात्रनेता नवागंतुकों का स्वागत कर रहे हैं। परिसर के भीतर हैल्प डेस्क छात्र संगठनों की ओर से संचालित की जा रही है। शुल्क से लेकर आवेदन तक की तमाम जानकारी दी जा रही है। आने वाले छात्र का परिचय लेकर उसे संगठन से जोडऩे का जतन हो रहा है। कॉलेज में यहबदलाव बड़े शहरों के कैम्पस जैसा लग रहा है। छात्रसंघ चुनावों की घोषणा शनिवार को जाने के बाद सोशल मीडिया पर भी छात्रनेता सक्रिय हो गए हैं। वहीं छात्रनेताओं ने वोट मांगने के लिए विजिटिंग कार्ड भी छपवा लिए हैं।बोले छात्र- यहां पर व्याख्याताओं की भारी कमी है, इसके चलते कोर्स कैसे होगा, हमें खुद समझ नहीं आ रहा है। कई बार जनप्रतिनिधियों का अवगत भी करवा दिया लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है।गजेन्द्रसिंह गोरडिय़ा-दो दिन बीत गए। कब शुरू होगी कक्षाएं? यहां पर तो नए शैक्षणिक सत्र को लेकर उत्साह की जगह शिक्षा को लेकर सूनापन नजर आ रहा है।धर्मेश सेंवर-कॉलेज में पढ़ाई का माहौल नहीं है, इसको लेकर कॉलेज प्रशासन सुधार लाए, अन्यथा छात्र आंदोलन करेंगे। इसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की रहेगी।हिन्दूसिंह मगरा-कॉलेज में पदरिक्तता की वर्षों से समस्या है लेकिन प्रशासन इस और ध्याननहीं दे रहा है। इससे नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ेगी। जल्दी ही व्याख्याताओं की नियुक्ति की जाए।नारणाराम जाणीइधर भी वर्षों से यही समस्याशहर के गल्र्स कॉलेज में लंबे समय से रिक्त पदों के चलते छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कॉलेज मेंव्याख्याताओं के 15 पद स्वीकृत हैं। यहां प्राचार्य उप प्राचार्य की जिम्मेदारी भी व्याख्याताओं के कंधों पर है। ऐसे में प्रबंधन का कार्य संभालने से कॉलेज की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है। वहीं पीटीआई, पुस्तकालयाध्यक्ष, लेखाकार, वरिष्ठ लिपिक, कनिष्ठ लिपिक सहित कई पद रिक्त हैं।व्याख्याताओं के बारे में अवगत करवाया जाएगा- महाविद्यालय में नए सत्र की शुरूआत1 जुलाई से होनी थी, लेकिन प्रथम वर्षकी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर फीस व फार्म जमा करने का कार्य चल रहा है। व्याख्याताओं के बारे में कॉलेज निदेशालय को अवगत करवाया जाएगा।डॉ. विमला आर्य, प्राचार्य, पीजी कॉलेज, बाड़मेर
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