जोधपुर.प्रारंभिक शिक्षा की ओर से 8 से 13 जुलाई तक की जाने वाली अधिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग की लिस्ट शनिवार को जारी हो गई। 749 शिक्षकों की यह लिस्ट विभाग की ओर से डीईओ प्रारंभिक कार्यालय में चस्पां की गई है।
लिस्ट में आने वाले विशेष श्रेणी के शिक्षकों को अब अपने प्रमाण-पत्र 5 जुलाई तक पेश करने होंगे।
इसके बाद 6 जुलाई को संशोधित लिस्ट जारी होगी। इधर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भेजे गए 552 शिक्षक भी काउंसलिंग का हिस्सा होंगे। काउंसलिंग में होने वाली माथापच्ची से बचने और शिक्षकों को परेशान कम करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने लेवल-2 के शिक्षकों को पद रिक्त होने की स्थिति में लेवल-1 में उसी स्कूल में पदस्थापित कर दिया। ऐसे करीब 500 से अधिक शिक्षक है।
इससे अब उन शिक्षकों को राहत मिलेगी, जिन्हें दूरस्थ या अन्य ब्लॉक में जाने का डर था। दूसरी ओर जो शिक्षक अधिशेष किए गए हैं, उन्हें भी इस काउंसलिंग में राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों को उसी ग्राम पंचायत की स्कूल में पद रिक्त होने पर और पद रिक्त नहीं होने पर नजदीक की ग्राम पंचायत या उसी पंचायत समिति में समायोजित करने के निर्देश दिए हैं।
फिर भी विशेष परिस्थितियों में पद रिक्त नहीं होने पर इनको नजदीकी की पंचायत समिति में भेजा जाएगा। ऐसे अनुमानित दस से पंद्रह प्रतिशत शिक्षक है, जिन्हें अन्य ब्लॉक में समायोजित किया जा सकता है। काउंसलिंग में आने वाले प्रत्येक शिक्षक से आईडी प्रूफ लिया जाएगा। वहीं उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान टोकन दिया जाएगा।
काउंसलिंग के लिए बनेगा कंट्रोल रूम
काउंसलिंग के लिए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक का कंट्रोल रूम होगा, जहां पर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान होगा। लेवल-2 के शिक्षकों को लेवल-1 में मानते हुए उसी स्कूल में समायोजित करने और शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर उसी स्कूल, ग्राम पंचायत, नजदीक की ग्राम पंचायत और उसी ब्लॉक में रखने के सरकार के फैसले का शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष भंवरलाल काला, जिलाध्यक्ष त्रिलोकराम नायल, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शंभूसिंह मेड़तिया, मांगीलाल बूड़िया, राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश महामंत्री परसराम तिवाड़ी व शिक्षक संघ प्रगतिशील के जिलाध्यक्ष जयकिशन पंचारिया ने सरकार के इस आदेश का स्वागत किया है। अखिल राजस्थान संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश उपाध्यक्ष केसरसिंह चंपावत ने जोधपुर मंडल के 89 शिक्षकों को वरिष्ठ अध्यापक नहीं बनाने का विरोध किया है।
परिवेदना लगाने वाले 22 शिक्षकों को माशिवि ने लौटाया
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 22 शिक्षकों को प्रारंंभिक शिक्षा में लौटा दिया है। इनमें से कुछ शिक्षक पूर्व में माध्यमिक शिक्षा में ही थे, लेकिन परिवेदना लगाने पर इनको प्रारंभिक शिक्षा में भेज दिया गया, जबकि विभाग इनको माध्यमिक शिक्षा में भी रख सकता था। इनमें से कई शिक्षक तो ऐसे भी हैं, जिनका विषय कुछ था और लिखा कुछ और गया है।
विभागीय अधिकारियों को गलत विषय का पता होने के बाद भी प्रारंंभिक शिक्षा में पदस्थापन दिया गया है। वहीं असाध्य रोग की श्रेणी में सरकार ने स्पष्ट कर रखा है कि इसमें सिर्फ कैंसर और ब्रेन टयूमर ही आएंगे, लेकिन हृदय रोग से पीड़ित शिक्षक हापूराम चौधरी को भी इस वर्ग में लेते हुए उनको प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सौंपा गया है, जबकि इन्होंने उपनिदेशक माध्यमिक कार्यालय में उनकी परिवेदना का निस्तारण नहीं होने की स्थिति में उपनिदेशक को उनके सामने केरोसीन उड़ेलकर आत्महत्या करने की धमकी दी थी।
इस बारे में उपनिदेशक माध्यमिक नूतन बाला कपिला ने कहा कि इस शिक्षक की निजी तकलीफ को देखते हुए यह फैसला लिया गया। वहीं अगर किसी शिक्षक का गलत विषय आया है तो अब इसका निर्णय प्रारंभिक शिक्षा विभाग करेगा। इधर, माध्यमिक शिक्षा विभाग में 42 शिक्षकों को लिया गया है। उनमें भी लगभग सभी शिक्षकों को दूरस्थ स्थानों पर लगाया गया है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लिस्ट में आने वाले विशेष श्रेणी के शिक्षकों को अब अपने प्रमाण-पत्र 5 जुलाई तक पेश करने होंगे।
इसके बाद 6 जुलाई को संशोधित लिस्ट जारी होगी। इधर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भेजे गए 552 शिक्षक भी काउंसलिंग का हिस्सा होंगे। काउंसलिंग में होने वाली माथापच्ची से बचने और शिक्षकों को परेशान कम करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने लेवल-2 के शिक्षकों को पद रिक्त होने की स्थिति में लेवल-1 में उसी स्कूल में पदस्थापित कर दिया। ऐसे करीब 500 से अधिक शिक्षक है।
इससे अब उन शिक्षकों को राहत मिलेगी, जिन्हें दूरस्थ या अन्य ब्लॉक में जाने का डर था। दूसरी ओर जो शिक्षक अधिशेष किए गए हैं, उन्हें भी इस काउंसलिंग में राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों को उसी ग्राम पंचायत की स्कूल में पद रिक्त होने पर और पद रिक्त नहीं होने पर नजदीक की ग्राम पंचायत या उसी पंचायत समिति में समायोजित करने के निर्देश दिए हैं।
फिर भी विशेष परिस्थितियों में पद रिक्त नहीं होने पर इनको नजदीकी की पंचायत समिति में भेजा जाएगा। ऐसे अनुमानित दस से पंद्रह प्रतिशत शिक्षक है, जिन्हें अन्य ब्लॉक में समायोजित किया जा सकता है। काउंसलिंग में आने वाले प्रत्येक शिक्षक से आईडी प्रूफ लिया जाएगा। वहीं उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान टोकन दिया जाएगा।
काउंसलिंग के लिए बनेगा कंट्रोल रूम
काउंसलिंग के लिए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक का कंट्रोल रूम होगा, जहां पर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान होगा। लेवल-2 के शिक्षकों को लेवल-1 में मानते हुए उसी स्कूल में समायोजित करने और शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर उसी स्कूल, ग्राम पंचायत, नजदीक की ग्राम पंचायत और उसी ब्लॉक में रखने के सरकार के फैसले का शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष भंवरलाल काला, जिलाध्यक्ष त्रिलोकराम नायल, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शंभूसिंह मेड़तिया, मांगीलाल बूड़िया, राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश महामंत्री परसराम तिवाड़ी व शिक्षक संघ प्रगतिशील के जिलाध्यक्ष जयकिशन पंचारिया ने सरकार के इस आदेश का स्वागत किया है। अखिल राजस्थान संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश उपाध्यक्ष केसरसिंह चंपावत ने जोधपुर मंडल के 89 शिक्षकों को वरिष्ठ अध्यापक नहीं बनाने का विरोध किया है।
परिवेदना लगाने वाले 22 शिक्षकों को माशिवि ने लौटाया
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 22 शिक्षकों को प्रारंंभिक शिक्षा में लौटा दिया है। इनमें से कुछ शिक्षक पूर्व में माध्यमिक शिक्षा में ही थे, लेकिन परिवेदना लगाने पर इनको प्रारंभिक शिक्षा में भेज दिया गया, जबकि विभाग इनको माध्यमिक शिक्षा में भी रख सकता था। इनमें से कई शिक्षक तो ऐसे भी हैं, जिनका विषय कुछ था और लिखा कुछ और गया है।
विभागीय अधिकारियों को गलत विषय का पता होने के बाद भी प्रारंंभिक शिक्षा में पदस्थापन दिया गया है। वहीं असाध्य रोग की श्रेणी में सरकार ने स्पष्ट कर रखा है कि इसमें सिर्फ कैंसर और ब्रेन टयूमर ही आएंगे, लेकिन हृदय रोग से पीड़ित शिक्षक हापूराम चौधरी को भी इस वर्ग में लेते हुए उनको प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सौंपा गया है, जबकि इन्होंने उपनिदेशक माध्यमिक कार्यालय में उनकी परिवेदना का निस्तारण नहीं होने की स्थिति में उपनिदेशक को उनके सामने केरोसीन उड़ेलकर आत्महत्या करने की धमकी दी थी।
इस बारे में उपनिदेशक माध्यमिक नूतन बाला कपिला ने कहा कि इस शिक्षक की निजी तकलीफ को देखते हुए यह फैसला लिया गया। वहीं अगर किसी शिक्षक का गलत विषय आया है तो अब इसका निर्णय प्रारंभिक शिक्षा विभाग करेगा। इधर, माध्यमिक शिक्षा विभाग में 42 शिक्षकों को लिया गया है। उनमें भी लगभग सभी शिक्षकों को दूरस्थ स्थानों पर लगाया गया है।
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