जयपुर। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को
लागू करने की मंजूरी के बाद अब राजस्थान में भी जल्द कवायद शुरू हो सकती
है। हालांकि राज्य सरकार के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो इस बार ये
सिफारिशें राज्य में आसानी से लागू नहीं होंगी।
केंद्र और राज्य के बीच कुछ बातों को लेकर चल रहे तनावों के कारण फिलहाल राज्य कर्मचारियों के अच्छे दिन दूर ही दिखाई दे रहे हैं। क्या है अंदर की बात, यूं जानिए...
सातवें वेतन आयोग की पूरी रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें
- केंद्र सरकार 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें की हैं। इसे अब राज्यों में भी लागू किया जाएगा।
- राजस्थान में स्थिति फिलहाल कर्मचारियों के हित में नहीं बन रही।
- यदि ये सिफारिशें लागू होती हैं तो राज्य के कर्मचारियों-अधिकारियों का वेतन 23 से 24 फीसदी तक बढ़ जाएगा।
- इसके साथ ही कई प्रकार के भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी।
- बता दें कि केंद्र में मंजूरी के बाद 6ठे वेतन आयोग की सिफारिशें राज्य सरकार ने कुछ समय बाद ही लागू कर दी थीं।
- इस बार वैसे संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।
- कारण है राज्य और केंद्र सरकार के बीच पिछले दिनों चला पत्र व्यवहार।
क्या था यह वार्तालाप, क्या है उन पत्र-व्यवहार का राज
- असल में पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार की ओर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की मंजूरी को लेकर कवायद चल रही थी।
- सभी की निगाहें मोदी सरकार के कैबिनेट के निर्णय पर थीं, कि वह कब इन सिफारिशों को मंजूरी देगी।
- बुधवार को यह मंजूरी भी कैबिनेट ने दे दी।
- कुछ माह से चल रही इस कवायद के बीच राज्य के रुख पर भी बात चल रही थी।
- इसी दौरान राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर कहा था कि राज्य के हालात ठीक नहीं हैं।
- ऐसे में राज्य कर्मचारियों के बढ़े वेतन के लिए खजाना कहां से लाएगा।
- इस पत्र में यह भी लिखा गया कि यदि केंद्र राज्य में इन सिफारिशों को लागू कराना चाहता है तो वह इसमें खर्च होने वाला धन भी राज्य को खुद ही दे।
- हालांकि केंद्र सरकार ने इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया, लेकिन राज्य सरकार चाहती है कि बढ़े हुए वेतन पर पड़ने वाला भार केंद्र सरकार ही दे, ताकि राज्य पर अतिरिक्त भार नहीं आए।
अब क्या होगा, क्या होंगी सिफारिशें लागू
- अब राज्य में सिफारिशें कब तक लागू हो जाएंगी, इस पर कयास ही हैं।
- इसे लेकर कर्मचारी भी असमंजस की स्थिति में हैं।
- पिछली बार यानी 2006 में भी वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री थीं।
- तब सरकार ने कुछ समय बाद ही सिफारिशें लागू कर दी थीं।
- सिफारिशें लागू करने से कर्मचारियों का वेतन खासा बढ़ गया था, लेकिन कर्मचारी फिर भी नाखुश थे।
- अब माना जा रहा है कि राज्य सरकार इतनी आसानी से इसे लागू नहीं करेगी।
- विशेषज्ञों की मानें तो राज्य सरकार केंद्र सरकार से स्पेशल बजट की उम्मीद करेगी।
- यदि केंद्र ऐसे बजट का प्रावधान नहीं करता है तो सरकार इंतजार करेगी।
- इंतजार अगले विधानसभा चुनाव का होगा। संभवत: चुनाव के कुछ समय पहले या एक साल पहले इसे लागू किया जाए।
अब यह भी होगी कवायद, यूं होगा सिफारिशों पर मंथन
- कर्मचारी संघ की गतिविधियों के एक्सपर्ट अरुण शुक्ला के अनुसार राजस्थान में यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता जैसे भत्तों में भी मैस भत्ता, वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता जैसे भत्ते लागू होते हैं।
- केंद्र में इनमें से कुछ नहीं होते और कुछ अलग भत्ते होते हैं।
- ऐसे में जो सिफारिशें केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर की हैं, उन पर राज्य सरकार अपने भत्तों के हिसाब से मंथन करेगी।
- बेसिक पे के लिए आयोग को केंद्र सरकार ने तीन गुना करने के लिए कहा था। अब न्यूनतम वेतन 7 हजार के बदले 18 हजार किया है। इसी न्यूनतम वेतन के आधार पर भत्ते निर्धारित किए जाएंगे। ऐसे राज्य में भी किया जाएगा।
- राज्य सरकार इस पर विचार करेगी। सेवा शर्तों में भी अंतर पर विचार किया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
केंद्र और राज्य के बीच कुछ बातों को लेकर चल रहे तनावों के कारण फिलहाल राज्य कर्मचारियों के अच्छे दिन दूर ही दिखाई दे रहे हैं। क्या है अंदर की बात, यूं जानिए...
सातवें वेतन आयोग की पूरी रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें
- केंद्र सरकार 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें की हैं। इसे अब राज्यों में भी लागू किया जाएगा।
- राजस्थान में स्थिति फिलहाल कर्मचारियों के हित में नहीं बन रही।
- यदि ये सिफारिशें लागू होती हैं तो राज्य के कर्मचारियों-अधिकारियों का वेतन 23 से 24 फीसदी तक बढ़ जाएगा।
- इसके साथ ही कई प्रकार के भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी।
- बता दें कि केंद्र में मंजूरी के बाद 6ठे वेतन आयोग की सिफारिशें राज्य सरकार ने कुछ समय बाद ही लागू कर दी थीं।
- इस बार वैसे संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।
- कारण है राज्य और केंद्र सरकार के बीच पिछले दिनों चला पत्र व्यवहार।
क्या था यह वार्तालाप, क्या है उन पत्र-व्यवहार का राज
- असल में पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार की ओर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की मंजूरी को लेकर कवायद चल रही थी।
- सभी की निगाहें मोदी सरकार के कैबिनेट के निर्णय पर थीं, कि वह कब इन सिफारिशों को मंजूरी देगी।
- बुधवार को यह मंजूरी भी कैबिनेट ने दे दी।
- कुछ माह से चल रही इस कवायद के बीच राज्य के रुख पर भी बात चल रही थी।
- इसी दौरान राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर कहा था कि राज्य के हालात ठीक नहीं हैं।
- ऐसे में राज्य कर्मचारियों के बढ़े वेतन के लिए खजाना कहां से लाएगा।
- इस पत्र में यह भी लिखा गया कि यदि केंद्र राज्य में इन सिफारिशों को लागू कराना चाहता है तो वह इसमें खर्च होने वाला धन भी राज्य को खुद ही दे।
- हालांकि केंद्र सरकार ने इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया, लेकिन राज्य सरकार चाहती है कि बढ़े हुए वेतन पर पड़ने वाला भार केंद्र सरकार ही दे, ताकि राज्य पर अतिरिक्त भार नहीं आए।
अब क्या होगा, क्या होंगी सिफारिशें लागू
- अब राज्य में सिफारिशें कब तक लागू हो जाएंगी, इस पर कयास ही हैं।
- इसे लेकर कर्मचारी भी असमंजस की स्थिति में हैं।
- पिछली बार यानी 2006 में भी वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री थीं।
- तब सरकार ने कुछ समय बाद ही सिफारिशें लागू कर दी थीं।
- सिफारिशें लागू करने से कर्मचारियों का वेतन खासा बढ़ गया था, लेकिन कर्मचारी फिर भी नाखुश थे।
- अब माना जा रहा है कि राज्य सरकार इतनी आसानी से इसे लागू नहीं करेगी।
- विशेषज्ञों की मानें तो राज्य सरकार केंद्र सरकार से स्पेशल बजट की उम्मीद करेगी।
- यदि केंद्र ऐसे बजट का प्रावधान नहीं करता है तो सरकार इंतजार करेगी।
- इंतजार अगले विधानसभा चुनाव का होगा। संभवत: चुनाव के कुछ समय पहले या एक साल पहले इसे लागू किया जाए।
अब यह भी होगी कवायद, यूं होगा सिफारिशों पर मंथन
- कर्मचारी संघ की गतिविधियों के एक्सपर्ट अरुण शुक्ला के अनुसार राजस्थान में यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता जैसे भत्तों में भी मैस भत्ता, वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता जैसे भत्ते लागू होते हैं।
- केंद्र में इनमें से कुछ नहीं होते और कुछ अलग भत्ते होते हैं।
- ऐसे में जो सिफारिशें केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर की हैं, उन पर राज्य सरकार अपने भत्तों के हिसाब से मंथन करेगी।
- बेसिक पे के लिए आयोग को केंद्र सरकार ने तीन गुना करने के लिए कहा था। अब न्यूनतम वेतन 7 हजार के बदले 18 हजार किया है। इसी न्यूनतम वेतन के आधार पर भत्ते निर्धारित किए जाएंगे। ऐसे राज्य में भी किया जाएगा।
- राज्य सरकार इस पर विचार करेगी। सेवा शर्तों में भी अंतर पर विचार किया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC