शिक्षा का ‘अपसेट-परिवर्तन’ : तीन सप्ताह पहले जिन शिक्षकों का प्रांरभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में
काउंसलिंग के जरिए सेटअप परिवर्तन किया गया था,उनमें से 244 शिक्षकों का
सेटअप तोड़ते हुए वापस प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भेज दिया है।
इन शिक्षकों को शहर के उन स्कूलों में ही यथावत लगा दिया है,जिनमें वे पहले से कार्यरत थे। इससे गांव के स्कूल में शिक्षकों के पद फिर से खाली हो गए। काउंसलिंग से पारदर्शिता और स्कूलों के खाली पदों को भरने का दावा फेल साबित हुआ। इन शिक्षकों को एक साथ नहीं,बल्कि एक-एक आदेश में बारी-बारी से भेजा गया। इन आदेश के बाद शिक्षा महकमे में चर्चा हैै कि अधिकारियों ने अपने चहेतों को लाभ देेने के लिए ऐसा किया है। बड़ा सवाल ये है कि अधिकारियों ने पहले इन शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल क्यों किया गयाω अगर शामिल करते हुए माध्यमिक स्कूलाें में पोस्टिंग दे दी तो फिर अचानक प्रारंभिक स्कूलों में कैसे भेज दियाω।
प्रारंभिक शिक्षा:12917शिक्षकोंके पद स्वीकृत
8039कार्यरतहैं,4881शिक्षकोंके पद खाली
{अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र पंचोली ने तो पूरा मामला शाला दर्पण पोर्टल पर ढोल दिया। इन्होंने बताया कि शाला दर्पण में पदों की गणना गलत होने के कारण ऐसा हुआ। क्योंकि पोर्टल पर प्रति स्कूल वार जितने पद जिन विषयों के रिक्त थे,हमने उतने ही प्रारंभिक से मांगे थे,लेकिन बाद में पता लगा कि हमें निर्धारित संख्या से ज्यादा शिक्षक मिल गए।
{माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी शिवजी गौड़ बोले कि प्रारंभिक से सेटअप परिवर्तन में हमारे पास निर्धारित संख्या से ज्यादा शिक्षक मिल गए थे,इसलिए इनके पदस्थापन वापस निरस्त करके प्रारंभिक में भेजना पड़ा। जिनके निरस्त किए,उनमें सामाजिक विज्ञान के शिक्षक ज्यादा हैं।
इन शिक्षकों को पहले गांवों में लगाया,फिर वापस बुला लिया
राबाउप्राविसेक्टर-4 के शिक्षक राज आचार्य को भींडर के धावड़िया उमावि में लगाया था,लेकिन वापस सेक्टर-4 में लगा दिया। सूरजपोल स्थित राबाउप्रावि के शिक्षक भगवती शर्मा को सवना(भींडर)लगाया,फिर वापस बुला लिया। सुंदरवास स्थित राउप्रावि के पवनकुमार को वरवाड़ा(गोगुंदा)से,एकलिंगपुरा राउप्रावि के जगदीशलाल को तुलसियों का नामला(सलूम्बर)से,राबाउप्रावि प्रतापनगर की विजयलक्ष्मी को भीमल मावली से,चमनपुरा राप्रावि की विलकिश बानो को चित्रावास(गाेगुंदा)से,राउप्रावि सुंदरवास की तारा अग्रवाल को गोटिपा से,चावंड राउप्रावि की सुंदर पंचोली को सेसई(सराड़ा)से तथा भूपालपुरा स्थित मुबारिक हुसैन को पलासमा(सायरा)से वापस शहर के स्कूलों में नियुक्ति दी गई है।
1641 शिक्षकोंका हुआ था सेटअप परिवर्तन
काउंसलिंग 8 से 12 जून के बीच हुई थी। हालांकि इस दौरान हाइकोर्ट के रोक लगा देने के बाद फिर से काउंसलिंग हुई थी। इसमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग से माध्यमिक में 1641 शिक्षकों का काउंसलिंग करके सेटअप परिवर्तन किया गया। इनमें से 244 का सेटअप परिवर्तन निरस्त करके वापस प्रारंभिक में भेज दिया गया।
माध्यमिक शिक्षा:विभाग में स्वीकृत पदों में से 40 प्रतिशत पद विभिन्न विषयों के रिक्त हैं। जबकि अधिकारी बोल रहे हैं कि प्रारंभिक से माध्यमिक में ज्यादा शिक्षक मिल गए थे।
इन शिक्षकों को शहर के उन स्कूलों में ही यथावत लगा दिया है,जिनमें वे पहले से कार्यरत थे। इससे गांव के स्कूल में शिक्षकों के पद फिर से खाली हो गए। काउंसलिंग से पारदर्शिता और स्कूलों के खाली पदों को भरने का दावा फेल साबित हुआ। इन शिक्षकों को एक साथ नहीं,बल्कि एक-एक आदेश में बारी-बारी से भेजा गया। इन आदेश के बाद शिक्षा महकमे में चर्चा हैै कि अधिकारियों ने अपने चहेतों को लाभ देेने के लिए ऐसा किया है। बड़ा सवाल ये है कि अधिकारियों ने पहले इन शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल क्यों किया गयाω अगर शामिल करते हुए माध्यमिक स्कूलाें में पोस्टिंग दे दी तो फिर अचानक प्रारंभिक स्कूलों में कैसे भेज दियाω।
प्रारंभिक शिक्षा:12917शिक्षकोंके पद स्वीकृत
8039कार्यरतहैं,4881शिक्षकोंके पद खाली
{अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र पंचोली ने तो पूरा मामला शाला दर्पण पोर्टल पर ढोल दिया। इन्होंने बताया कि शाला दर्पण में पदों की गणना गलत होने के कारण ऐसा हुआ। क्योंकि पोर्टल पर प्रति स्कूल वार जितने पद जिन विषयों के रिक्त थे,हमने उतने ही प्रारंभिक से मांगे थे,लेकिन बाद में पता लगा कि हमें निर्धारित संख्या से ज्यादा शिक्षक मिल गए।
{माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी शिवजी गौड़ बोले कि प्रारंभिक से सेटअप परिवर्तन में हमारे पास निर्धारित संख्या से ज्यादा शिक्षक मिल गए थे,इसलिए इनके पदस्थापन वापस निरस्त करके प्रारंभिक में भेजना पड़ा। जिनके निरस्त किए,उनमें सामाजिक विज्ञान के शिक्षक ज्यादा हैं।
इन शिक्षकों को पहले गांवों में लगाया,फिर वापस बुला लिया
राबाउप्राविसेक्टर-4 के शिक्षक राज आचार्य को भींडर के धावड़िया उमावि में लगाया था,लेकिन वापस सेक्टर-4 में लगा दिया। सूरजपोल स्थित राबाउप्रावि के शिक्षक भगवती शर्मा को सवना(भींडर)लगाया,फिर वापस बुला लिया। सुंदरवास स्थित राउप्रावि के पवनकुमार को वरवाड़ा(गोगुंदा)से,एकलिंगपुरा राउप्रावि के जगदीशलाल को तुलसियों का नामला(सलूम्बर)से,राबाउप्रावि प्रतापनगर की विजयलक्ष्मी को भीमल मावली से,चमनपुरा राप्रावि की विलकिश बानो को चित्रावास(गाेगुंदा)से,राउप्रावि सुंदरवास की तारा अग्रवाल को गोटिपा से,चावंड राउप्रावि की सुंदर पंचोली को सेसई(सराड़ा)से तथा भूपालपुरा स्थित मुबारिक हुसैन को पलासमा(सायरा)से वापस शहर के स्कूलों में नियुक्ति दी गई है।
1641 शिक्षकोंका हुआ था सेटअप परिवर्तन
काउंसलिंग 8 से 12 जून के बीच हुई थी। हालांकि इस दौरान हाइकोर्ट के रोक लगा देने के बाद फिर से काउंसलिंग हुई थी। इसमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग से माध्यमिक में 1641 शिक्षकों का काउंसलिंग करके सेटअप परिवर्तन किया गया। इनमें से 244 का सेटअप परिवर्तन निरस्त करके वापस प्रारंभिक में भेज दिया गया।
माध्यमिक शिक्षा:विभाग में स्वीकृत पदों में से 40 प्रतिशत पद विभिन्न विषयों के रिक्त हैं। जबकि अधिकारी बोल रहे हैं कि प्रारंभिक से माध्यमिक में ज्यादा शिक्षक मिल गए थे।
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