12वीं के एग्जाम पूरे देश में लगभग एक ही फॉर्मेट में कराने की तैयारी की
जा रही है। अगर सभी राज्यों के एजुकेशन बोर्ड इस पर सहमत हो गए, तो यह
फैसला लागू हो सकता है। एचआरडी मिनिस्ट्री के साथ अलग-अलग एजुकेशन बोर्ड्स
के अधिकारियों की मीटिंग में यह प्रस्ताव आया।
अगर पूरे देश में 12वीं के एग्जाम एक ही समय में और लगभग एक ही फॉर्मेट में होंगे, तो स्टूडेंट्स को निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा। बैठक में देश में 12वीं के एग्जाम के कुछ कॉमन फीचर तय किए जाने पर सहमति हुई, जिसे सारे एजुकेशन बोर्ड फॉलो करेंगे। इसकी शुरुआत कॉमन सिलेबस से हो सकती है। क्वेश्चन पेपर का डिजाइन लगभग एक जैसा होने पर सभी बोर्ड्स के अधिकारियों ने सहमति जताई, जिससे क्वालिटी और स्टैंडर्ड एक जैसा हो सके। अभी अलग-अलग एजुकेशन बोर्ड का सिलेबस अलग-अलग है। इसलिए केंद्र सरकार की तरफ से एक जैसा सिलेबस बनाने का प्रस्ताव दिया गया। फिलहाल सभी बोर्ड एग्जाम भी अलग-अलग डेट में होते हैं। इसलिए कई बार कुछ कॉम्पीटीशन एग्जाम की डेट को लेकर भी विवाद बना रहता है और डेट कई बार आगे-पीछे करनी पड़ती है। एक अधिकारी ने कहा कि अगर पूरे देश में 12वीं के एग्जाम एक ही तारीख में हों, तो इससे एग्जाम डेट भी क्रॉस नहीं होगी।
क्वेश्चनपेपर भी एक जैसा : क्वेश्चनपेपर का कॉमन फॉर्मेट रखने पर भी लगभग सभी बोर्ड्स के अधिकारियों ने सहमति जताई। वर्तमान एग्जाम व्यवस्था में किसी बोर्ड में ज्यादा ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन होते हैं, किसी में ज्यादा सिलेक्टिव। इसलिए किसी बोर्ड के स्टूडेंट्स ज्यादा मार्क्स ले आते हैं, जबकि दूसरे बोर्ड के स्टूडेंट्स के उतने मार्क्स नहीं पाते। इसलिए सहमति बनी कि कॉमन फॉर्मेट बनाया जाएगा, जिसमें तय होगा कि कितने सब्जेक्टिव क्वेश्चन होंगे और कितने ऑब्जेक्टिव। ग्रेस मार्क्स को लेकर भी कॉमन सिस्टम की बात हुई।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अगर पूरे देश में 12वीं के एग्जाम एक ही समय में और लगभग एक ही फॉर्मेट में होंगे, तो स्टूडेंट्स को निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा। बैठक में देश में 12वीं के एग्जाम के कुछ कॉमन फीचर तय किए जाने पर सहमति हुई, जिसे सारे एजुकेशन बोर्ड फॉलो करेंगे। इसकी शुरुआत कॉमन सिलेबस से हो सकती है। क्वेश्चन पेपर का डिजाइन लगभग एक जैसा होने पर सभी बोर्ड्स के अधिकारियों ने सहमति जताई, जिससे क्वालिटी और स्टैंडर्ड एक जैसा हो सके। अभी अलग-अलग एजुकेशन बोर्ड का सिलेबस अलग-अलग है। इसलिए केंद्र सरकार की तरफ से एक जैसा सिलेबस बनाने का प्रस्ताव दिया गया। फिलहाल सभी बोर्ड एग्जाम भी अलग-अलग डेट में होते हैं। इसलिए कई बार कुछ कॉम्पीटीशन एग्जाम की डेट को लेकर भी विवाद बना रहता है और डेट कई बार आगे-पीछे करनी पड़ती है। एक अधिकारी ने कहा कि अगर पूरे देश में 12वीं के एग्जाम एक ही तारीख में हों, तो इससे एग्जाम डेट भी क्रॉस नहीं होगी।
क्वेश्चनपेपर भी एक जैसा : क्वेश्चनपेपर का कॉमन फॉर्मेट रखने पर भी लगभग सभी बोर्ड्स के अधिकारियों ने सहमति जताई। वर्तमान एग्जाम व्यवस्था में किसी बोर्ड में ज्यादा ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन होते हैं, किसी में ज्यादा सिलेक्टिव। इसलिए किसी बोर्ड के स्टूडेंट्स ज्यादा मार्क्स ले आते हैं, जबकि दूसरे बोर्ड के स्टूडेंट्स के उतने मार्क्स नहीं पाते। इसलिए सहमति बनी कि कॉमन फॉर्मेट बनाया जाएगा, जिसमें तय होगा कि कितने सब्जेक्टिव क्वेश्चन होंगे और कितने ऑब्जेक्टिव। ग्रेस मार्क्स को लेकर भी कॉमन सिस्टम की बात हुई।
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