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व्याख्याता की कमी दूर करने के आदेश मजाक बने

सरकारी रिकॉर्ड में राजकीय बिड़ला कॉलेज में व्याख्याता आदि के रिक्त पदों को भरने की भले ही औपचारिकता पूरी कर ली गई हो,लेकिन असल मेें ऐसा हुआ नहीं है। सरकार के आदेश मजाक बनकर रह गए है।
भास्कर ने खबरों में बिड़ला कॉलेज में रिक्त पदों का मामला उठाया था। इसमें बताया था कि निजी नियमित मिलाकर इस साल करीब 7 हजार विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। कॉलेज में प्राचार्य,उपाचार्य 19 व्याख्याता में से 12 के पद रिक्त है। इसके अलावा लाइब्रेरियन,लेब सहायक के अलावा कई अन्य पद खाली है। कॉलेज प्रशासन ने भी इसके लिए आयुक्तालय को लिखा।
पदों की कमी दूर करने के लिए ऐसे कॉलेज से व्याख्याता लगाने के आदेश जारी कर दिए गए,जो पहले ही एक व्याख्याता के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा भी जिन उपाचार्य को यहां लगाने के आदेश हुए हैं,वे यहां पर चार्ज लेने को ही तैयार नहीं। इस सारे झमेले में कॉलेज में विज्ञान के तीन प्रायोगिक विषयों की अभी तक परीक्षा नहीं हो सकी है।
एकही व्याख्याता उसे कैसे भेजें
जयपुरस्थित कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने बिड़ला कॉलेज में यूनिवर्सिटी परीक्षा में व्यवस्था बनाए रखने के लिए रामगंजमंडी के राजकीय कॉलेज के नाम 3 मार्च को एक आदेश जारी किया। इसमें लिखा कि व्याख्याता डाॅ.केएम गवेंद्रा को छोड़कर बाकी सभी व्याख्याता को 27 अप्रैल तक भवानीमंडी कॉलेज में परीक्षा के लिए कार्य मुक्त कर कर दिया जाए,जबकि वहां तो एकमात्र व्याख्याता डाॅ.केएम गवेंद्रा ही है। अब वहां से किसे भेजा जाए। एक अन्य आदेश 21 फरवरी को चौमहला के राजकीय कॉलेज के नाम जारी कर कहा कि वहां पर एक व्याख्याता को छोड़कर बाकी सबको भवानीमंडी भेज दो।

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