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ग्राम पंचायत सहायकों की भर्ती : अतिरिक्त कार्य कराने से प्रशासनिक व शैक्षणिक कार्य हो रहा बाधित

टोंक । टोंक. ग्राम पंचायत सहायकों की भर्ती संस्था प्रधानों व एसडीएमसी के माध्यम से नहीं कराने की मांग को लेकर मंगलवार को संस्था प्रधान (माध्यमिक) शिक्षा संघर्ष समिति ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि राजस्थान सेवा नियमों के तहत प्रधानाध्यापकों व प्रधानाचार्यों का कार्य क्षेत्र विद्यालय परिसर है। ऐसे में विद्यालय परिसर के अतिरिक्त कार्य कराने से विद्यालय का प्रशासनिक व शैक्षणिक कार्य प्रभावित होगा।
इसके साथ एसडीएमसी महज एक विद्यालय की रजिस्टर्ड सहयोगी संस्था है। ऐसे में इसके द्वारा किस नियम के तहत कार्मिको नियुक्ति दी जानी है। कई विद्यालयों में अभी तक एसडीएमसी का रजिस्टे्रशन नहीं हुआ।
ऐसे में पंचायत सहायकों की नियुक्ति संस्था प्रधानों व एसडीएमसी के माध्यम से नहीं कराई जाए।
ज्ञापन देने वालों में संयोजक कुम्भाराम चौधरी, चौथमल विजयवर्गीय, सीमा चौधरी, रतनलाल, प्रेमलतासिंह प्रभुलाल, रामगोपाल, कन्हैयालाल, ओमप्रकाश समेत कई संस्था प्रधान मौजूद थे।
जताई नाराजगी
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय निवाई में पंचायत सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर प्रधानाचार्यों की बैठक जिला शिक्षा अधिकारी मनमोहन शर्मा की अध्यक्षता में हुई।
इसमें प्रधानाचार्यों ने बताया कि पंचायत सहायकों की नियुक्ति में उनको भी जिम्मेदारी दी गई है। जबकि इससे उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। इससे नाराज प्रधानाचार्यों ने बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि पंचायत सहायक का पद विद्यालय से सम्बन्धित नहीं होकर ग्राम पंचायतों से है। पंचायत सहायकों की नियुक्ति एसडीएमसी के द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
जबकि एसडीएमसी का गठन केवल सम्बन्धित विद्यालय के शैक्षिक एवं भौतिक उन्नयन के लिए है। इसे किसी भी प्रकार की नियुक्ति का अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि भर्ती की प्रक्रिया का नियम अस्पष्ट है।

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