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जोधपुर में लग रही शिक्षा की बोली, पत्रिका स्टिंग में सामने आई इस मामले की खोली पोल

जोधपुर . अब बिना स्कूल जाए भी आपका बच्चा नियमित अध्ययन कर सकता है। बस जेब में रुपए होने चाहिए। शहर में ऐसी कई निजी स्कूलें चल रही हैं, जहां शिक्षा के नाम पर इस तरह का व्यापार चल रहा है। शिक्षा के नाम पर इन निजी स्कूलों ने सारे नियम ताक पर रख दिए हैं। शहर के कुछ निजी स्कूलों में आप अपने बच्चे को बिना विद्यालय भेजे नियमित अध्ययन करवा सकते हैं। इसके लिए ३० से ४० हजार रुपए का खर्चा आएगा।

बांसवाड़ा : शिक्षकों ने बढ़ाया एक कदम और भामाशाहों ने खोल दी गठरी, शीतकालीन अवकाश में बदल दिया स्कूल का स्वरूप

मृदुल पुरोहित. बांसवाड़ा. एक पखवाड़े पहले सामान्य सा दिखता राजकीय विद्यालय शिक्षकों की एक पहल से ऐसा बदला कि शीतकालीन अवकाश के बाद बच्चे लौटे तो एकबारगी अचंभित रह गए। इतना ही नहीं, विद्यालय का बदला स्वरूप देख भामाशाहों ने भी अपनी धन की गठरी खोलकर सहयोग करना शुरू कर दिया। कुवैत में रोजगाररत अप्रवासी भारतीयों ने भी मुक्त हस्त से सहयोग के लिए कदम बढ़ा दिए।

अब असिस्टेंट, एसोसिएट आैर प्रोफेसर के नाम से ही जाने जाएंगे कॉलेज व्याख्याता

एजुकेशन रिपोर्टर | अजमेर

महाविद्यालय शिक्षकों के पदनाम व्याख्याता के स्थान पर असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर आैर प्रोफेसर करने संबंधी राजस्थान एजुकेशनल सर्विसेज (कॉलेजिएट ब्रांच) अमेंडमेंट रूल्स-2018 अधिसूचना का प्रारूप गुरुवार को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित कर दिया है। इस संबंध में मंत्रिमंडल की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।

छह हजार विद्यार्थी मित्रों को नहीं मिला रोजगार

सिटी रिपोर्टर | बीकानेर

स्थायीकरण की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत राज्य के 6 हजार विद्यार्थी मित्र अभी भी बेरोजगार है।

प्रदेश में 30 फीसदी विद्यार्थी मित्र शिक्षकों को रोजगार प्राप्त नहीं हुआ है। शिक्षा सहायक भर्ती रद्द हो गई। विद्यालय सहायक भर्ती न्यायालय में अटकी हुई है।

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