भास्कर संवाददाता|श्रीगंगानगर विभिन्न प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों
को भरने के लिए ग्रेड थर्ड शिक्षकों की काउंसलिंग शनिवार को एसडी बिहाणी
बीएड कॉलेज में हुई। इसमें रीट के माध्यम से चयनित होने वाले नवनियुक्त
तृतीय श्रेणी शिक्षक शामिल हुए।
काउंसलिंग का यह दूसरा दिन था और इसमें
सामान्य शिक्षकों की काउंसलिंग हुई। डीईओ प्रारंभिक हरचंद गोस्वामी ने
बताया कि सीधी भर्ती परीक्षा 2018 के अंतर्गत लेवल प्रथम (सामान्य) पद के
लिए काउंसलिंग की जा रही है। पहले दिन की काउंसलिंग 6 जुलाई को डीईओ
प्रारंभिक कार्यालय में की गई थी, इसमें विशेष शिक्षक शामिल हुए थे। शनिवार
से एसडी बिहाणी बीएड कॉलेज में काउंसलिंग शुरू हुई। पहले दिन क्रमांक 1 से
200 तक के शिक्षक शामिल हुए। सुबह 8 से 10 बजे तक इनके रजिस्ट्रेशन किए
गए। इसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की गई। काउंसलिंग में शामिल होने
वाले शिक्षकों ने अपनी सुविधा के अनुसार जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों
में खाली पदों का चयन किया। रविवार को वरीयता क्रमांक 201 से 400 तक के
अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की जाएगी। इसके बाद 9 जुलाई को 401 से आगे तक के
सभी अभ्यर्थियों की काउंसलिंग करके उन्हें नियुक्तियां दी जाएंगी।
राहत
क्रमांक एक से 400 तक प्रस्तावित है प्रक्रिया, बाकी पदों के लिए आज व 9 जुलाई को भी होगी काउंसलिंग
इधर..विधवा-परित्यक्ता महिला शिक्षकों ने कहा- 10 किमी दायरे में मिले स्कूल
छह डी नियमों के तहत बीते दिनों सेटअप परिवर्तन के लिए हुई
काउंसलिंग में विधवा, परित्यक्ता महिला शिक्षकों को शिथिलता देने की मांग
की गई है। महिला शिक्षकों ने बताया कि सरकार के नियम के अनुसार विभिन्न
विधवा व परित्यागता महिलाएं इस काउंसलिंग में शामिल हुई थीं, लेकिन उन्हें
जरा भी राहत नहीं दी गई। उल्टा उन्हें दूर-दराज के स्कूलों में पदस्थापना
दे दी गई। उनका कहना था कि उनके सहारे ही उनका पूरा परिवार चल रहा है।
बच्चों की देखरेख के साथ उन्हें अपने माता-पिता या सास ससुर की देखरेख भी
करनी होती है। इतनी दूर पद मिलने के कारण वह इन जिम्मेदारियों को ठीक से
नहीं निभा सकती हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार उन्हें उनके स्कूलों के
आसपास ही 10 किलोमीटर के दायरे में ही किसी दूसरे विद्यालय में पदस्थापना
दी जाए। उन्होंने बताया कि कुछ महिला शिक्षक पारिवारिक परिस्थितियों के
कारण अभी माध्यमिक सेटअप के विद्यालय में ज्वाइन नहीं कर पाई है। अब उनका
वेतन भी रोक दिया गया है। उनका कहना था कि ऐसे में वह विधवा महिला शिक्षक
अपने परिवार की जिम्मेदारियां व बच्चों की पढाई का खर्च कैसे उठाएंगी।
इसलिए इन महिला शिक्षकों ने डीईओ के माध्यम से सीएम को पत्र लिखकर राहत
देने की मांग की। इस दौरान गुरविंद्र कौर, करुना मिड्ढ़ा, कमला, सुखदेव
कौर, पूनम धमीजा, वंदना सेठी, रजनी पुंशी, गीता कुमारी, नीलम, राधा यादव,
कंचन गोयल समेत विभिन्न महिला शिक्षक मौजूद रही।