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25 साल से कला शिक्षक अभ्यर्थी कर रहे भर्ती का इंतजार, विधानसभा के बाहर किया अनोखा प्रदर्शन

जयपुर। प्रदेश के स्कूलों में कला शिक्षकों का अकाल है। 1992 के बाद से प्रदेश में कला शिक्षकों की भर्तियां लंबित है। ऐसे में प्रदेशभर से आए कला शिक्षक अभ्यर्थी भर्तियों की मांग को लेकर एक बार फिर प्रदर्शन की राह पर उतरे हैं।
अभ्यर्थियों ने विधानसभा के बाहर अपनी कला को प्रदर्शित करते हुए अनोखा प्रदर्शन किया।

अभ्यर्थियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कला को रस्सियों में बंधा पेश किया। और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जल्द ही कला शिक्षकों की भर्ती खोलने की मांग भी की। शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने निर्धारित मापदंडों, योग्यता नियमों और निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देते हुए कहा कि राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक छात्रों को चित्रकला और संगीत का अध्ययन कराया जाना चाहिए। लेकिन विभाग की ओर से प्रकाशित पुस्तकें तक छात्रों को वितरित नहीं की जाती। यहीं नहीं कला शिक्षा विषय में छात्रों का फर्जी मूल्यांकन तक कर दिया जाता है।

अभ्यथियों ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि प्रशासन या तो उनकी मांगे मान ले। नहीं तो आने वाले दिनों में बेरोजगार कला शिक्षा अ​भ्यर्थी उग्र आंदोलन करेंगे। आपको बता दें कि विधानसभा में बजट सत्र के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री ने कला शिक्षा को अनिवार्य विषय बताते हुए बीएसटीसी के प्रशिक्षित अध्यापकों से कला शिक्षा पढ़ाये जाने की बात कही थी। जिसके बाद से कला शिक्षक अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त है।

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