श्रीगंगानगर. करीब छह साल बाद तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती पंजाबी
विषय 2012 के अभ्यर्थियों को गुरुवार को उस समय निराशा हाथ लगी जब जिला
परिषद प्रशासन ने इसका परिणाम अगले दस दिनों के लिए रोक दिया।
इस भर्ती की
दुबारा परीक्षा करीब तीन महीने पहले मार्च में हुई थी, इसके परिणाम और कट
ऑफ माक्र्स सूची जारी करने के लिए गुरुवार को तैयारियां भी शुरू कर दी।
यहां तक कि पड़ोसी जिले हनुमानगढ़ जिला परिषद प्रशासन की ओर से पंजाबी विषय
शिक्षक भर्ती का परिणाम घोषित होने के बाद दबाव भी बना था लेकिन तकनीकी
अड़चन की वजह से यह अटक गया है।
परिषद प्रशासन का कहना है कि जिन अभयर्थियों ने यह
परीक्षा दी है कि उनके आरटेट के परिणाम से मिलान किया जा रहा है। आरटेट की
परीक्षा वर्ष 2011 में हुई थी, उसका परिणाम संशोधित वर्ष 2013 में जारी
किया गया था लेकिन पंचायतराज विभाग ने पंजाबी विषय शिक्षक भर्ती के परिणाम
में आरटेट की वर्ष 2011 का रिजल्ट जोड़ लिया है, जबकि यह संशोधित रिजल्ट
वर्ष 2013 किया जाना चाहिए था। इस बड़ी चूक की जानकारी ऐनवक्त पर लग गई तो
यह परिणाम रोक दिया गया है।
जिला परिषद सीईओ चिन्मयी गोपाल ने बताया कि इस रिजल्ट
में आरटेट के अंकों को शामिल किया जाता है, ऐसे में आरटेट के अपडेट रिजल्ट
से अंकों के आधार पर संशोधित परिणाम बन सकेगा। इस कारण परिणाम और कट ऑफ
माक्र्स सूची बनाने में अभी समय लग सकेगा।
इसलिए लग गए छह साल
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में
इस भर्ती के लिए परीक्षा हुई तब परीक्षार्थियों ने हंगामा करते हुए अदालत
की शरण ली थी। परीक्षार्थियों का कहना था कि एक ही गाइड से 60 में से 56
प्रश्न आए थे, इस गाइड से ही पूरा पेपर तैयार करने का आरोप जिला परिषद
प्रशासन पर लगा था। ऐसे में हाइकोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार राज्य
सरकार को विधानसभा में यह मामला उठने पर सफाई देनी पड़ी कि परीक्षा दुबारा
कराई जाएगी। करीब तीन महीने पहले मार्च में यह परीक्षा दुबारा आयोजित हुई
थी।