अलवर| निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों ने प्रधानाध्यापक भर्ती के लिए
जारी होने वाले अनुभव प्रमाणपत्र की शर्तों में सरकार से राहत देने की मांग
की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आरपीएससी द्वारा जारी की गई
प्रधानाध्यापक भर्ती में प्रार्थी को बीएड के बाद 5 वर्षों का अध्यापन
अनुभव मांगा गया है।
यह अनुभव प्रमाणपत्र जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा
प्रतिहस्ताक्षरित होना जरूरी है। सरकार ने निजी शिक्षण संस्थान के लिए
अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जो आवश्यक शर्तें रखी हैं, उनमें दो
शर्त पूरी करना संभव नहीं है। अभ्यर्थी जितेंद्र ने बताया 3 वर्ष पहले
विद्यालय सहायक भर्ती के समय इन दोनों शर्तों को सरकार ने नगण्य मानते हुए
का अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने के आदेश जारी किए थे और अनुभव प्रमाणपत्र
बने थे। इसलिए सरकार से मांग है कि ऐसे अभ्यर्थियों को राहत दें ताकि वे
आवेदन कर सकें।