कार्यालय संवाददाता| शाहपुरा तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा, 2013 के तहत सितम्बर, 2017 में
नियुक्त तृतीय श्रेणी अध्यापकों के मामले से जुड़ी याचिका का निस्तारण कर
हाई कोर्ट ने सचिव, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार, आयुक्त एवं
सचिव, पंचायतीराज विभाग राजस्थान सरकार सहित प्रारंभिक शिक्षा विभाग के
निदेशक व अन्य को इसी भर्ती परीक्षा के तहत पूर्व में नियुक्त तृतीय श्रेणी
अध्यापकों के अनुरुप वरिष्ठता एवं काल्पनिक सेवा परिलाभ देने एवं वेतन
स्थिरीकरण करने के निर्देश दिये है।
अधिवक्ता प्रदीप कलवानियां ने बताया कि अनिशा चौधरी सहित 42 अन्य
शिक्षकों ने राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर में याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर न्यायालय को यह बताया कि शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2013
में आर.टेट परीक्षा वर्ष 2011 एवं 2012 में 60 प्रतिशत से कम अंकों का
विवाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित होने के कारण याचिकाकर्ताओं को
वर्ष 2015 में नियुक्ति नहीं दी गई थी जबकि याचिकाकर्ता गण वर्ष 2013 की
भर्ती की अंतिम वरियता सूची में स्थान रखते थे। माननीय सर्वोच्च न्यायालय
लम्बित प्रकरणों का अंतिम निर्णय माह अक्टूबर, 2016 में होने पर आर.टेट
परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंकों वाले सभी योग्य अभ्यर्थियों को
नियुक्ति हेतु योग्य माना था। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को वर्ष 2017 में
नियुक्ति दी गई लेकिन याचिकाकर्ताओं को अध्यापक भर्ती परीक्षा, 2013 के तहत
पूर्व में नियुक्ति तृतीय श्रेणी अध्यापकों के अनुरुप वरिष्ठता, वेतन
स्थिरीकरण एवं काल्पनिक सेवा परिलाभ का लाभ नहीं दिया। जिसके लिये
याचिकाकर्ताओं ने विभाग के उच्चाधिकारियों को परिवेदन भी प्रस्तुत किया
लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ताओं ने राजस्थान
उच्च न्यायालय, जयपुर में याचिका प्रस्तुत कर न्याय मांगा था। जिसकी सुनवाई
कर न्यायाधिपति वीरेंद्र सिंह सिराधना ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष मे फैसला
सुनाया।