कोटा। राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा है कि
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी और शिक्षकों की भर्ती में देरी चिंता
का विषय हैै। उन्होंने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग के मानक के अनुसार पद स्वीकृत नही है।
किसी विश्ववि़द्यालय में
पद स्वीकृत हैं, तो वहां पदों को भरे जाने के आदेशों की प्रतीक्षा में
लम्बा समय निकल रहा है। जहां पदों की भर्ती के आदेश हो गये है, वहां
शिकायतों तथा कतिपय मामलों में स्थगन आदेश की वजह से भर्तिया पूरी नही हो
पा रही है। शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देना
भी चुनौतीपूर्ण कार्य है।
राज्यपाल सिंह बुधवार को कोटा में कोटा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह
को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने समारोह में छात्र-छात्राओं को स्वर्ण
पदक और उपाधियां प्रदान की। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों की कमी को लेकर
वैकल्पिक व्यवस्था विश्वविद्यालयों द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि
विकल्प, विकल्प ही होता है वह मौलिकता की भरपाई नही कर सकता। सिंह ने कहा
कि आज ही समाचार छपा है कि कोटा यूनिवर्सिटी टाॅप 200 की सूची से बाहर हो
गई है। इसका एक कारण स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति का भी रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् हमारे युवा नौकरी की तलाश
में रहते हैं। सिंह ने कहा कि नौकरियों की संख्या उतनी नही हो सकती है, जो
सबको रोजगार दे सके। अपने कौशल से स्वयं का कारोबार शुरू कर अन्य लोगों को
रोजगार प्रदान करने की स्थिति में हमारे शिक्षित युवाओं को आगे आना होगा।
सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी युवा नये कारोबार आरम्भ कर सकते हैं। कौशल
विकास के पाठ्यक्रम चलाये जाने के लिए विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों
में आधारभूत परिवर्तन करने चाहिए। प्रारम्भ में कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा
ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी।