जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में साइंस मैथ्स विषय के तृतीय
श्रेणी लेवल-टू शिक्षकों के 927 पदों पर भर्ती के परिणाम को रद्द कर दिया
है। कोर्ट ने विज्ञान और गणित विषय के शिक्षकों के लिए अलग-अलग पदों के लिए
अलग-अलग मैरिट बनाने के आदेश दिए हैं।
न्यायाधीश वी.एस.सिराधना ने यह आदेश
सतीश कुमार की याचिका को निपटाते हुए दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि दोनों
विषयों के पद को एक करना खंडपीठ और एनसीटीई की अधिसूचना के खिलाफ है।
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एडवोकेट विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि 2016 में विषयवार तृतीय
श्रेणी शिक्षक लेवल-टू की भर्ती निकली थीं। खंडपीठ ने नियुक्तियां रद्द
करते हुए स्नातक में विषय विशेष के आधार पर नियुक्तियां देने को कहा था।
सरकार ने पंचायतीराज नियमों में संशोधन करके गणित के लिए स्नातक में गणित व
विज्ञान के लिए स्नातक में फिजिक्स, केमेस्ट्री,बॉयोलॉजी,बॉयो
टेक्नोलॉजी,बॉयो केमेस्ट्री,जुओलॉजी और बॉटनी विषय होना आवश्यक कर दिया।
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विज्ञापन में भी गणित और साईंस विषयों के शिक्षकों के लिए अलग-अलग
योग्यता मांगी। इसी विज्ञापन में साइंस मैथ्स विषय के शिक्षक के पदों के
लिए भी आवेदन मांगे गए थे। जबकि अधिसूचना और विज्ञापन में दोनों विषयों के
लिए अलग-अलग योग्यताएं हैं तो एक पद के लिए चयन नहीं हो सकता और साईंस
मैथ्स विषय के लिए अलग विज्ञापन होना चाहिए था।