नीमराना | वरीयता सूची में उच्च स्थान प्राप्त करने के बाद भी महिला
शिक्षिका को गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर उच्च न्यायालय ने
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक पूर्णचंद किशन को 27 अप्रैल को न्यायालय में
व्यक्तिगत पेश होने के निर्देश दिए हैं। प्रार्थी जौनायचा कला गांव निवासी
बिंदु यादव प|ी संजय यादव का चयन तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2016
में प्रथम लेवल पर उच्च वरीयता पर हो गया था।
उनके अधिवक्ता सुधीर यादव
सागा ने कोर्ट को बताया कि इसके बाद भी उन्हें गृह जिला अलवर आवंटित करने
के बजाय उदयपुर आवंटित कर दिया गया और जुलाई 2017 में नियुक्ति दे दी गई।
जबकि उनसे कम वरीयता वालों को गृह जिले में नियुक्ति दी गई है। इस पर
न्यायालय ने 12 अक्टूबर 2017 को अंतरिम आदेश देकर शिक्षिका की अलवर जिले
में काउंसलिंग कराने के आदेश दिए, लेकिन विभाग ने न्यायालय के आदेश की
पालना नहीं की। इस पर प्रार्थी ने अवमानना याचिका दायर कर दी। याचिका के
निस्तारण के बाद विभाग ने 6 अप्रेल 2018 को प्रार्थी को राजकीय उच्च
प्राथमिक विद्यालय, वाजमिया (मावली) उदयपुर के स्थान पर गृह जिले अलवर में
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मन्नाका, तूलेड़ा आवंटित कर दिया। इसके बाद
भी अभी तक विभाग ने शिक्षिका के वहां नियुक्ति के आदेश जारी नहीं किए। इस
पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट में
27 अप्रैल को तलब किया है।