जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की विवादित शिक्षक भर्ती में योग्य घोषित किए
गए दो शिक्षकों के जाति प्रमाण पत्र जिला छानबीन समिति ने खारिज कर दिए
हैं।
इन दोनों ने खुद को आेबीसी वर्ग का बताकर इस भर्ती में आवेदन किया था।
जेएनवीयू जोधपुर शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश भाटी ने
जिला समिति के समक्ष प्रतिवेदन देकर बताया था, कि शिक्षक भर्ती में चयनित
अभ्यर्थी दिनेश कुमार गहलोत व पूनम पूनिया ने अवैधानिक रूप से अन्य पिछड़ा
वर्ग का प्रमाण पत्र हासिल किया है। आरोप था कि आवेदन पत्र के कई
महत्वपूर्ण कॉलम खाली छोड़े गए, एक जगह हस्ताक्षर भी नहीं किए गए थे। जनवरी
2013 में छात्र सेवा मंडल के सचिव ने डॉ. जालम सिंह रावलोत ने दिनेश के
पिता संतोकसिंह गहलोत का आय प्रमाण पत्र जारी किया, जिसमें व्यवसाय का कॉलम
खाली छोड़ वार्षिक आय 1.20 लाख बताई, जबकि संतोकसिंह व्यवसायी हैं, उनके
पेट्रोल पंप व खानें हैं।
जिला छानबीन समिति की बैठक में सदस्यों ने निर्णय किया, कि दिनेश कुमार
गहलोत ने ओबीसी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन में जानबूझकर आवश्यक तथ्यों को
छुपाया और सही जानकारी नहीं दी इसलिए यह जाति प्रमाण पत्र खारिज करने की
अनुशंसा की जाती है। इधर, पूनम पूनिया के मामले में भी आवेदन से जुड़ी
जरूरी जानकारियां नहीं दी गईं। पूनम के पिता को कृषक बताया गया, जबकि आवेदन
के समय वे सरकारी सेवा में थे। पिता के शपथ पत्र में भी इस तथ्य को छुपाया
गया। पूनम के जाति प्रमाण पत्र को भी खारिज करने की अनुशंसा की गई है।