राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर पीईईओ और बीईईओ की कार्यप्रणाली की शिकायत की है।
जिलाध्यक्ष विश्राम कटारा और मंत्री निखिल जैन ने बताया कि राज्य सरकार
की ओर से जनवरी 2018 से प्रभावी व्यवस्थाओं को नकारते हुए अधिकांश पीईईओ
और बीईईओ अपनी हठधर्मिता पर उतर गए है। इससे जिले के हजारों शिक्षकों को कई
समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दोनों अधिकारी अपनी डफली अपना राग
अलाव रहे है। इससे शिक्षक वर्ग में रोष है। उन्होंने बताया कि इन्हीं
अधिकारियों में आपसी समन्वय की कमी के कारण जनवरी 2018 का वेतन पीडी मद के
शिक्षकों को अभी तक पूरा जारी नहीं हुआ है।
पीईईओ ने फरवरी 2018 में मनमर्जी से आयकर काट दिया है। यह भी उन
शिक्षकों का काटा है जिन्होंने आयकर गणना प्रपत्र भरकर और रसीदें भी जमा
करवा दी है। सातवें वेतन आयोग के तहत ब्लॉक कार्यालयों में अभी तक कई
शिक्षकों का वेतन नियमितीकरण नहीं किया गया है। इन शिक्षकों ने कायदे से
विकल्प पत्र दो माह पहले ही जमा करा दिए है। ब्लॉक कार्यालयों की ओर से
सेवा पुस्तिका अभी तक पीईईओ को हस्तांतरित नहीं की गई है। इससे भी पीईईओ
मात्र वेतन नियमितीकरण के आदेश पर नया वेतन भी नहीं बना रहे है। कई स्कूलों
में पीईईओ की स्कूल अवलोकन के दौरान भाषा शैली भी अपमानजनक होती है। इससे
शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इसका परिणाम यह हो
रहा है कि उनमे निरुत्साह की स्थितियां पैदा हो रही है।