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राजस्थान में 3 लाख बेटियों में बांटी जा रहीं साइकिलों का रंग हुआ केसरिया

उदयपुर. प्रदेश भर में तीन लाख स्कूली छात्राओं को बांटी जा रही साइकिलें अब गुलाबी के बजाय भगवा रंग की होंगी। राज्य सरकार का शिक्षा विभाग 9वीं कक्षा की नियमित छात्राओं को इस साल 88 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत से साइकिलें बांट रहा है।
हालांकि पिछले दिनों उदयपुर आए शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा था कि लड़कियों को पिंक यानी गुलाबी रंग पसंद होती है और इसलिए अब छात्राओं को गुलाबी रंग वाली साइकिलें ही वितरित की जाएंगी। लेकिन अब जो साइकिलें छात्राओं को मिल रही हैं, वे केसरिया रंग की हैं।
अफसरों का दावा : मंत्री के बयान से पहले ही हो गया था टेंडर
अगर विभाग के अफसरों पर भरोसा करें तो साइकिलों के रंग को लेकर शिक्षा मंत्री देवनानी के बयान से एक महीने पहले ही माध्यमिक निदेशक ने केसरिया रंग की साइकिल के टेंडर कर दिए थे। लेकिन विवादों से बचने के लिए रंग को लेकर मंत्री ऐसा ही कहते रहे।
कुछ को भाया रंग तो कुछ ने कहा : गुलाबी होता तो अच्छा रहता
भास्कर ने जब स्कूली बालिकाओं से बातचीत की तो उन्होंने मिली जुली प्रतिक्रिया दी। मोनिका मेनारिया ने कहा, केसरिया रंग अच्छा है। संतरी या केसरिया को भी उनकी दोस्त पसंद करती हैं। लेकिन रागिनी जैन के अनुसार पिंक तो लड़कियों की पसंद ही है। पिंक ही रंग होता तो अच्छा रहता।
तीन महीने पहले किया था टेंडर जारी
20 दिसम्बर 2016 को हरियाणा में सोनीपत की एटलस साइकिल लिमिटेड को जारी टेंडर में कहा था कि ऑरेंज कलर की प्रति साइकिल 2937 रुपए के अनुसार 3 लाख साइकिलें सप्लाई करनी हैं। इससे पहले हर साल काले रंग की साइकिलें आती थीं, लेकिन इस बार रंग बदल गया है।

कांग्रेस के समय ऐसा हुआ था
- सोलर लाइटों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चित्र लगवाए गए थे।
- स्कूल बैगों पर कांग्रेस सरकार ने नारे लिखवाए थे।
- किताबों में कांग्रेस सरकार के नारे छपवाए गए थे।

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