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विशेष योग्यजनों की जन सुनवाई के दौरान सुनी समस्याएं,दिया निराकरण का विश्वास
जैसलमेर । आयुक्त विशेष योग्यजन श्री धन्नाराम पुरोहित ने कहा कि राज्य सरकार विशेष योग्यजनो के कल्याण के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विशेष योग्यजन के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक प्राथमिकता से पहुचावें एवं उन्हें पूरी राहत प्रदान करें।
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने किया विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन
सफलता के सोपान और विकास के आयामों को देख अभिभूत हुई मुख्यमंत्री
डूंगरपुर /‘आपका जिला, आपकी सरकार’ कार्यक्रम के तहत जिले के चार दिवसीय दौरे पर पहुंची प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने मंगलवार को तीसरे दिन शहर के वागड़ गांधी वाटिका सभागार में आयोजित की गई विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया।
डूंगरपुर /‘आपका जिला, आपकी सरकार’ कार्यक्रम के तहत जिले के चार दिवसीय दौरे पर पहुंची प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने मंगलवार को तीसरे दिन शहर के वागड़ गांधी वाटिका सभागार में आयोजित की गई विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया।
स्टाफिंग पैटर्न : कई स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक, पढ़ाई चौपट
शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न सेटअप परिवर्तन
के बाद भले ही स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था में सुधार को लेकर बड़े-बड़े
दावे करते हो, लेकिन स्टाफिंग पैटर्न सेटअप परिवर्तन के बाद जिले के कई
स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था ही चरमराई गई है।
शिक्षा के कैलेंडर में नई छुट्टी का तीसरा रंग
घरों औरदफ्तरों की दीवारों पर कैलेंडर लटके होते हैं, जिनमें इतवार की
छुटि्टयां लाल रंग से अंकित होती हैं। तीज-त्योहार एवं राष्ट्रीय पर्व पर
भी छुटि्टयां होती हैं और वे भी लाल होती हैं। आजकल एक नई छुट्टी ईजाद हुई
है।
स्वतंत्रता दिवस पखवाड़ा के अन्तर्गत 23 अगस्त को ठीक 11 बजे विद्यालयों में राष्ट्रगान
स्वतंत्रता दिवस पखवाड़ा के अन्तर्गत 23 अगस्त को ठीक 11 बजे विद्यालयों में राष्ट्रगान
बच्चों को हफ्ते में एक बार फल देना जरूरी , मिलते है दो बार ही
बीकानेर मिडडे मील योजना में स्कूली बच्चों को महीने में चार बार फल देने का प्रावधान है। राउप्रावि नत्थूसर माल्यान बेणीसर बारी के छात्र-छात्राओं को माह में सिर्फ दो बार ही फल दिए जा रहे हैं।
मॉडल स्कूल के निर्माण में लापरवाही उजागर
पूछने पर काम में लगे लोगों ने अटपटे जवाब दिए। छत के छज्जे पर की गई डिजाईन पर काम लिए गए मसाले में कम गुणवत्ता को छुपाने के लिए सीमेंट की पुताई का जुगाड़ करना सामने आया। वहीं दुमंजिला भवन के पिल्लरों में केवल गिट्टी ही दिखाई दे रही थी। चौक में बने फर्श की गुणवत्ता तो सबसे कमजोर लगी।