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बच्चों को हफ्ते में एक बार फल देना जरूरी , मिलते है दो बार ही

बीकानेर मिडडे मील योजना में स्कूली बच्चों को महीने में चार बार फल देने का प्रावधान है। राउप्रावि नत्थूसर माल्यान बेणीसर बारी के छात्र-छात्राओं को माह में सिर्फ दो बार ही फल दिए जा रहे हैं।

बुधवार को पोषाहार निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की ओर से पूछने पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने यह बात बताई। डीईओ प्रारंभिक रामावतार व्यास ने इस संबंध में जब संस्था प्रधान से पूछा तो बताया मैन्यू के बारे में जानकारी नहीं है आगे से बच्चों को चार बार फल दिए जाएंगे। स्कूलों में बच्चों के लिए बनने वाले पोषाहार की वास्तविक हकीकत जानने बुधवार को जिले के प्रशासनिक और शिक्षा अधिकारी विभिन्न स्कूलों में पहुंचे। भंडारण की व्यवस्था देखी, स्टॉक रजिस्टर जांचा। खुद पोषाहार चखकर उसकी गुणवत्ता को परखा। वहीं कक्षा में पहुंच कर बच्चों से भी खाने की क्वालिटी के बारे में भी जानकारी हासिल की। अधिकांश स्कूलों में स्थिति ठीक मिली। जहां कमी पाई गई वहां संबंधित संस्था प्रधानों को सुधार के निर्देश दिए। पोषाहार निरीक्षण अभियान के पहले दिन6 जिले की लगभग 188 स्कूलों का अवलोकन किया गया।
तेलीवाड़ा स्कूल में बच्चों के पोषाहार की जानकारी लेते अधिकारी।
पहले दिन निरीक्षण में यह कमियां मिली
{स्टॉक रजिस्टर का संधारण सही तरीके से नहीं { केश बुक का संधारण नहीं { उचित भंडारण व्यवस्था का अभाव { कुछ स्कूलों में पोषाहार की क्वालिटी संतोषजनक नहीं मिली
^दो स्कूलों का निरीक्षण किया था। दोनों में पोषाहार की क्वालिटी अच्छी थी। राउप्रावि नत्थूसर में बच्चों को महीने पर चार बार फल देने के निर्देश संस्था प्रधान को दिए हैं। रामावतारव्यास, डीईओ, प्रारंभिक
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