अजमेर.प्रदेश में 6 साल बाद अब कहीं जाकर राजनीतिक भूल सुधारी
गई है। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को ही अब पंचायतीराज का दायित्व
सौंपा गया है। अब तक दोनों विभाग अलग-अलग मंत्री के पास होने से 6 साल में
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हो पा रहे थे।
प्रदेश
की तत्कालीन गहलोत सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं को मजबूत बनाने के
उद्देश्य से अन्य विषयों के साथ प्रारंभिक शिक्षा जिला परिषद को सौंपी थी,
इससे थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों को लेकर असमंजस के हालात उत्पन्न हो
गए थे। शिक्षा मंत्री व पंचायतीराज मंत्री में इन शिक्षकों के तबादलों को
लेकर खींचतान चल रही थी और दोनों ही इनके तबादलों पर अपना हक मान रहे थे।
मंत्रिमंडल विस्तार में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को ही ग्रामीण
विकास एवं पंचायतीराज विभाग सौंपने से अब कहीं जाकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों
के तबादलों की राह आसान हो गई है। देवनानी ने वर्षों से इंतजार कर रहे इन
शिक्षकों के तबादले जल्द ही करने के संकेत भी दिए हैं।
प्रदेश
के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए 29
विषय सौंपने की घोषणा की थी। 2 अक्टूबर 2010 को इनमें से 5 विषय प्रारंभिक
शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और सामाजिक,
न्याय एवं अधिकारिता विभाग जिला परिषद को हस्तांतरित कर दिए थे। इससे
पंचायतीराज मंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा पर अपना हक जताना शुरू कर दिया।
पूर्व शिक्षा मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने सबसे आखिर में पुष्कर की
जाट विश्रामस्थली में कैंप लगाकर थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले किए थे,
इसके बाद पंचायतीराज व शिक्षा मंत्री की खींचतान के चलते थर्ड ग्रेड
शिक्षकों के तबादलों पर ऐसा ग्रहण लगा कि वे जहां तैनात थे, वहीं के होकर
रह गए। सैकंड ग्रेड, प्रिंसिपल व व्याख्याताओं समेत अन्य विभागों के
कर्मचारियों के तबादले होते देख मन मसोस कर रह गए।
देवनानी को पंचायतीराज विभाग सौंपने पर जिला परिषद में आतिशबाजी
शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में राज्यमंत्री बनाने पर रविवार को जिला परिषद में ढोल-ढमाके के बीच आतिशबाजी कर उनका जोरदार स्वागत किया गया। जिला प्रमुख वंदना नोगिया समेत पंचायतीराज के अन्य जनप्रतिनिधियों ने देवनानी का माल्यार्पण कर स्वागत किया और एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशी जाहिर की।
तब भी लगा दिया था अड़ंगा, सरकारी तबादला आदेश रोके
पूर्व शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल द्वारा थर्ड ग्रेड शिक्षकों के किए गए तबादलों पर भी तत्कालीन जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने यह कहते हुए अड़ंगा लगा दिया था कि सरकार ने नीतियों की पालना नहीं कर विधवा व परित्यक्ताओं तक के तबादले कर दिए। पलाड़ा ने बाकायदा परिवेदना लेकर ऐसे 40 शिक्षकों के तबादले जिला स्थापना समिति में प्रस्ताव पारित कर रोक दिए थे। सरकार चाहकर भी कुछ भी नहीं कर पाई और सभी 40 शिक्षक सरकार के तबादला आदेश के बावजूद अपने स्थानों पर आज भी जमे हुए हैं।
नहीं हो शिक्षकों के हितों से कुठाराघात
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने बताया कि पंचायतीराज व शिक्षा विभाग अब एक ही मंत्री के पास होने से देखना यह है कि वह लंबे समय से तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षकों का कितना भला कर पाते हैं। सालों से अपने परिजनों से दूर रहे, इन शिक्षकों की पीड़ा समझकर उन्हें राहत प्रदान करनी चाहिए। सही काम में हम शिक्षा राज्यमंत्री के साथ हैं, लेकिन शिक्षकों के हितों के साथ कुठाराघात हुआ तो खिलाफत करने में पीछे नहीं रहेंगे।’
सीएम के भरोसे पर खरा उतरेंगे
शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा के साथ-साथ ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग का दायित्व सौंपकर मुझ पर जो भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया जाएगा। अब तक शिक्षा व पंचायतीराज विभाग के मंत्री अलग-अलग होने से लंबे समय से थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले नहीं हो पा रहे थे, लेकिन जल्द ही उन्हें राहत दी जाएगी।’