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भजनलाल सरकार के राज में नहीं चलेगी मास्टरजी की 'चालाकी', अब स्कूल टीचर को ये काम करना होगा जरूरी

 बीकानेर : राजस्थान के सरकारी स्कूलों में फर्जी शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने नया कदम उठाया है। सभी शिक्षकों को अब शाला दर्पण पोर्टल पर अपनी तस्वीर की ऑनलाइन पुष्टि करानी होगी। यह वेरिफिकेशन प्रधानाचार्य और PEEO (Panchayat Elementary Education Officer) की ओर से किया जाएगा। यह कदम प्रॉक्सी टीचर्स की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है।

स्कूल पहुंचेगा PEEO, वही करेगा वेरिफिकेशन


शिक्षा विभाग ने सभी संयुक्त निदेशकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। PEEO खुद स्कूलों में जाकर हर शिक्षक का वेरिफिकेशन करेंगे। इसके बाद ब्लॉक और जिला शिक्षा अधिकारी PEEO की ओर से किए गए वेरिफिकेशन की जांच करेंगे। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कम से कम 5% स्कूलों की जांच करेंगे। जिला स्तर के अधिकारी कम से कम 2% स्कूलों की जाँच करेंगे।


फर्जीवाड़े की गुंजाइश कम होगी


इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, शाला दर्पण पोर्टल पर एक नया मॉड्यूल बनाया गया है। इसके साथ ही, स्टेप-बाय-स्टेप गाइडलाइन (SOP) भी जारी की गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी शिक्षकों का फोटो वेरिफिकेशन सही तरीके से हो। पीइइओ अपने अधीनस्थ स्कूलों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर प्रत्येक कार्मिक का वेरिफिकेशन करेंगे। यानी PEEO खुद स्कूल जाकर हर कर्मचारी की जांच करेंगे। इसके बाद, ब्लॉक व जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा पीइइओ के माध्यम से किए गए वेरिफिकेशन की जांच की जाएगी। मतलब ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारी PEEO के काम की दोबारा जांच करेंगे। इससे फर्जीवाड़े की गुंजाइश कम होगी।


शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही बढ़ेगी


इस नए सिस्टम से उम्मीद है कि प्रॉक्सी टीचर्स की समस्या से निजात मिलेगी और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। यह पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही भी बढ़ेगी। शिक्षा विभाग के इस कदम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। यह बच्चों के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह व्यवस्था यह भी सुनिश्चित करेगी की सरकारी स्कूलों में केवल योग्य शिक्षक ही पढ़ाएं। इससे ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

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