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प्रिंसिपल के 1800 पद खाली , दिव्यांग-असाध्य रोगी को शिथिलन मिलेगी

शिक्षा विभाग ने पदोन्नत शिक्षा अधिकारियों के पदस्थापन के लिए होने वाली काउंसलिंग के पैटर्न में बदलाव किया है। जिन जिलों में 10 फीसदी से अधिक प्रिंसिपल के पद रिक्त हैं, उन्हीं जिलों के स्कूलों को काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा। जबकि जयपुर सहित दोसा, झूंझुनू, सीकर, अलवर, टोक, अजमेर, हनुमानगढ़, चूरू, बूंदी, कोटा, करौली और सवाईमाधोपुर के जिले काउंसलिंग में शामिल नहीं किए जाएंगे। इन 13 जिलों में 90 फीसदी से अधिक पद भरे हुए बताए जा रहे हैं।


शिक्षा विभाग में पिछले माह 5 मार्च को हुई रिव्यू डीपीसी में पदोन्नत हुए प्रिंसिपल, एचएम, लेक्चरर और डिप्टी डीईओ फिजिकल को पदस्थापन के लिए सात अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में काउंसलिंग होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल ने काउंसलिंग के संबंध में दिशा-निर्देश जार किए है। विदित रहे कि काउंसलिंग के लिए 493 प्रिंसिपल, 8 डिप्टी डीईओ फिजिकल, 25 एचएम और 200 लेक्चरर की सूची जारी की गई है। काउंसलिंग के पूर्व इनका रजिस्ट्रेशन होगा।

प्रिंसिपल के 1800 पद खाली

शिक्षा विभाग में वर्तमान में प्रिंसिपल के करीब 1800 पद खाली है। जबकि रिव्यू डीपीसी में विभाग को 493 प्रिंसिपल मिले हैं। इनका पदस्थापन 10 फीसदी से अधिक रिक्त जिलों वाली स्कूलों में होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छात्रहित में यह निर्णय लिया गया है। जिन जिलों में प्रिंसिपल के 10 प्रतिशत से अधिक पद खाली है उन पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा। काउंसलिंग में 10 फीसदी से अधिक रिक्तियों वाले जिलों की ही रिक्तियां प्रदर्शित की जाएगी।

दिव्यांग-असाध्य रोगी को शिथिलन मिलेगी

काउंसलिंग के दौरान विशेष योग्यजन, विधवा-परित्यक्ता, असाध्य रोगी, एकल एवं अन्य महिला अभ्यर्थियों को शिथिलन दिया जाएगा। इनकों 20 जिलों की रिक्तियों के अलावा उनके वर्तमान पदस्थापित जिले की समस्त रिक्तियां भी पृथक से दिखाई जाएगी।

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