उदयपुर . राजस्थान लोक सेवा आयोग की कॉलेज व्याख्याता/
सहायक प्राध्यापक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की प्रस्तावित
काउंसलिंग में उच्च शिक्षा आयुक्तालय ने महिला वरीयता को ही भुुला दिया है।
आयुक्तालय की वरीयता सूची में सामान्य महिला को गायब कर दिया गया है।
महिला अभ्यर्थियों को प्राथमिकता नहीं देने से कॉलेज आवंटन के समय
उन्हें पसंद वाले महाविद्यालय का आवंटन नहीं होने से तकलीफों का सामना करना
पड़ सकता है। वर्तमान व्यवस्था के तहत कॉलेज शिक्षा विभाग काउंसलिंग के
जरिए व्याख्याता/ सहायक प्राध्यापक को नियुक्ति देने की तैयारी है। एक-दो
दिन में काउंसलिंग की डेट जारी होने वाली है। वर्तमान व्यवस्था में
काउंसलिंग के वरीयता क्रम में दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला एवं
शेष मेरिट से चयन हो रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में आरपीएससी ने परीक्षा परिणाम जारी कर 78 कॉलेज
व्याख्याता/ सहायक प्राध्यापक परिणाम जारी किए हैं। इनमें कुछ को काउंसलिंग
के लिए बुलाया जा चुका है, जबकि कुछ को फिलहाल तिथि नहीं दी जा सकी है।
शिक्षा विभाग काउंसलिंग में शामिल
इससे पूर्व
शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हुई काउंसलिंग में ४० फीसदी
से अधिक दिव्यांग, विधवा/ परित्यक्ता, असाध्य रोग (कैंसर, ओपन हार्ट
सर्जरी, गुर्दा प्रत्यारोपण), एकल महिला, अन्य महिला एवं पूर्व सैनिक को
वरीयता दी गई है। इसके बाद सामान्य पुरुष का क्रम शेष रहता है।
हो सकती है तकलीफ
आयुक्तालय की सूची में अन्य महिला के गायब क्रम से विवाहित महिलाओं को
उनके गृह स्थान पर रिक्त पदों का फायदा मिलने में तकलीफ का सामना करना पड़
सकता है। व्यवस्था में सुधार के बाद ऐसी महिला लाभार्थियों को उनकी मेरिट
के अनुसार मनचाहा स्थान मिल सकेगा।
कॉलेज शिक्षा में लागू नहीं
उच्च शिक्षा मंत्रालय
के निर्देशानुसार एकल महिला तक की वरीयता सूची है। शिक्षा विभाग की तरह
अन्य महिला वरीयता कड़ी में नहीं है। इसलिए काउंसलिंग में अन्य महिला की
वरीयता नहीं है।
महेश शर्मा, कार्यालय अधीक्षक, कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय