राजस्थान हाई कोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षिका की याचिका पर सुनवाई करते हुए
पंचायती राज विभाग व शिक्षा विभाग को अभ्यर्थी को एलपीसी के साथ
कार्यमुक्त कर नई स्कूल में कार्यग्रहण कराने के निर्देश दिए हंै।
हाई
कोर्ट ने पंचायती राज विभाग के शासन सचिव, प्रारंभिक शिक्षा विभाग के
निदेशक, जिला परिषद के सीईओ सहित पांच अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब भी
किया है। मामला जिले के श्रीमाधोपुर निवासी शिक्षक पूनम सैन का है।
पैरवी कर रहे एडवोकेट संदीप कलवानिया ने बताया कि पंचायती राज विभाग
की ओर से वर्ष 2012 में निकली थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में पूनम ने राजसमंद
जिला परिषद से शिक्षक पद के लिए आवेदन किया था। परीक्षा में चयन होने पर
सैन ने वहां कार्यग्रहण भी कर लिया। इस दौरान पंचायती राज विभाग के माध्यम
से प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 में नई भर्ती निकाली। जिसमें पूनम
ने दूसरी जिला परिषद से आवेदन किया। जिला परिषद ने नई स्कूल में नियुक्ति
पत्र जारी कर आठ अक्टूबर तक कार्य ग्रहण के निर्देश भी दे दिए, लेकिन विभाग
ने प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर शिक्षिका को वर्तमान स्कूल से
कार्यमुक्त नहीं किया। जबकि शिक्षिका ने तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर दो
वर्ष का परिवीक्षा काल भी पूरा कर लिया है।