जयपुर| हाईकोर्ट ने अदालती आदेश का पालन करने में देरी को गंभीर मानते हुए
शिक्षा विभाग पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। हर्जाना राशि की वसूली
जिम्मेदार अफसरों से कर प्रार्थी को देने को कहा है। अदालत ने यह अंतरिम
निर्देश भंवरलाल की अवमानना याचिका पर दिया।
अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने
बताया कि प्रार्थी शिक्षा विभाग में यूडीसी था। उसे सलेक्शन स्केल का लाभ
नहीं दिया। उसने इसे चुनौती देते हुए रेट में अपील की। रेट ने 30 अगस्त
2011 में प्रार्थी के पक्ष में फैसला देते हुए उसे तीन महीने में सलेक्शन
स्केल का लाभ सहित बकाया राशि व सेवा परिलाभ देने के लिए कहा। इस आदेश का
पालन नहीं हुआ। प्रार्थी ने रेट में 2013 में अवमानना याचिका दायर की थी।
रेट ने शिक्षा विभाग को आदेश का पालन करने के लिए कई मौके दिए, लेकिन पालन
नहीं हुआ। रेट ने आदेश का पालन नहीं करने वाले शिक्षा विभाग के जिम्मेदार
अफसरों को अवमानना का दोषी करार देते हुए उनके खिलाफ दंड की कार्रवाई के
लिए मामले को हाईकोर्ट भेज दिया। हाईकोर्ट ने भी शिक्षा विभाग को आदेश का
पालन करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान विभाग
ने आदेश का पालन कर दिया व प्रार्थी को सलेक्शन स्केल सहित अन्य सेवा
परिलाभ दे दिए। लेकिन हाईकोर्ट ने आदेश के पालन में हुई देरी को गंभीर माना
व इस कारण से शिक्षा विभाग पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया।