जयपुर: भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम
तिवाड़ी ने रविवार को वसुंधरा राजे सरकार पर शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित
राज्यस्तरीय कार्यक्रम में शिक्षकों को आने के लिए कथित रूप से विवश किया
जाने को शिक्षकों का अपमान बताया है. उन्होंने शिक्षकों को कार्यक्रम में
आने के लिए मजबूर करने को राजे सरकार पर शिक्षकों की भर्ती का राजनैतिक लाभ
उठाने के प्रयास का आरोप लगाया है.
तिवाड़ी ने कहा कि सरकार इस तरह व्यवहार कर रही है कि जैसे विक्षिप्त हो
गई हो. सरकार शिक्षकों को लाभार्थी मान रही है, जो शिक्षकों का अपमान है.
इन शिक्षकों ने विभिन्न तरह की परीक्षाओं/साक्षात्कार के चरणों को पार करने
के बाद मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाई है.
पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने हनुमानगढ और भरतपुर जिलों के
जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा निकाले गए आदेशों का हवाला दिया. आदेश पहले
ही वापस लिए जा चुके है. तिवाड़ी ने आदेश का हवाला देते हुए बताया कि
शिक्षकों को कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य कर उन्हें काले कपड़े, मोजे,
जूते, बेल्ट नहीं पहनने के निर्देश दिए गए. बीजेपी के पूर्व नेता और राजे
के आलोचक तिवाड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री काले रंग से भयभीत है, क्योंकि
उन्हें हर जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री ने काले काम किए हैं और इसलिए वह अब काले रंग से डर रही हैं और
यही कारण है कि ऐसे आदेश जारी किए गए हैं.
जब माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक नथमल डीडेल से सम्पर्क किया गया, तो
उन्होंने बताया कि शिक्षक दिवस पर जयपुर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में
किसी भी शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि
भरतपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने कुछ दिनों पहले कुछ भ्रम में एक आदेश जारी
किया था, लेकिन इसे वापस ले लिया गया है. सरकार से ऐसा कोई निर्देश नहीं है
जो शिक्षकों के आने के लिए अनिवार्य बनाता है. अगर वे समारोह में शामिल
नहीं होते हैं, तो उनका वेतन काटा नहीं जाएगा."
वहीं, शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने विधानसभा भवन के पास स्थित
अमरूदों के बाग में होने वाले राज्यस्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर
अधिकारियों की बैठक में समीक्षा की. राज्यस्तरीय कार्यक्रम की मुख्य अतिथि
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे होंगी.