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6डी की मैपिंग नहीं, रिक्त पदों की जानकारी मिलने में परेशानी

भास्कर संवाददाता| बांसवाड़ा शिक्षा विभाग में अब जल्द ही कुछ दिनों के भीतर नए चयनित शिक्षकों को भर्ती दे दी जाएगी। लेकिन समस्या नियुक्ति देने में यह आ रही हैं कि जिले में रिक्त पदों की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो पा रही है। कारण की विभाग के ढीली कार्यशैली के कारण अब तक 6डी शिक्षकों की मैपिंग नहीं हो पाई है।
विशेष रूप से यह समस्या स्कूलों में लेवल 2 के पदों के लेकर बनी हुई है। शाला दर्शन पोर्टल पर विभाग ने डीईओ को 6डी कार्मिकों की मैपिंग का नया मोड्यूल जारी किया है। इसमें जिले के 6डी में आने वाले लेवल 2 के शिक्षकों का अपडेटेशन करने के आदेश जारी किए गए हैं। लेकिन बांसवाड़ा सहित पूरे प्रदेश में लगभग एक जैसी ही स्थिति है। जहां 45 फीसदी तक ही अपडेट किया गया है। समस्या तब आएगी जब 15 सितंबर से विभिन्न विषयों में चयनित शिक्षकों को रिक्त पदाें की सूचना दी जानी है। जैसा कि माध्यमिक शिक्षा ने भर्ती का कलैंडर जारी किया है। वर्तमान स्थिति बांसवाड़ा जिले की देखी जाए तो विभागीय सूत्रों के मुताबिक 5 से 6 फीसदी अपडेटेशन किया गया है।

इसलिए जरूरी है 6डी का अपडेटेशन

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में नव चयनितों को पंचायती राज विभाग के तहत प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति दी जाती है। जिन स्कूलों में रिक्त पद नहीं होते हैं वहां से पूर्व में कार्यरत शिक्षकों को 6डी काउंसलिंग के माध्यम से सैटअप परिवर्तन कर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन स्कूलों में स्थानांतरित किया जाता है। पूर्व में रीट लेवल प्रथम के शिक्षकों को भी इसी प्रक्रिया के तहत नियुक्ति दी गई थी, लेकिन उस दौरान समय सीमा कोई तय नहीं थी। लेवल 2 में 20 सितंबर तक सभी विषयों में पदस्थापन दिया जाना है। 15 सितंबर तक को दस्तावेजों का सत्यापन कर अभ्यर्थियों को रिक्त पदों की सूचना उपलब्ध करानी है, ताकि काउंसलिंग में उन्हें स्थान का चयन करते समय कोई दिक्कत नहीं हो।

प्रदेशभर के आधे जिलों में 50 फीसदी से कम प्रोग्रेस

यह स्थिति प्रदेशभर में बनी हुई है। पोर्टल पर सूचना अपडेटेशन में कोटा, जैसलमेर, पाली, जौलार राजसमंद, सिरोही, हनुमानगढ़, करौली जिले सबसे बेहरतीन स्थिति में हैं। जहां काम लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा आधे से ज्यादा जिलों में 50 फीसदी से कम अपडेटेशन किया गया है। 10 जिले तो ऐसे हैं जहां 10 फीसदी से कम अपडेट हुआ है जिसमें डूंगरपुर, बांसवाड़ा भी शामिल हैं। इसके चलते यहां के अधिकारियों की भूमिका भी सवाल उठ रहे हैं। बीकानेर निदेशालय ने भी इस बारे में नाराजगी जताई है। इसके बाद अब इस काम के और तेज होने की उम्मीद है। काम धीमा होने के कारण शिक्षकों को भी काफी परेशानी हो रही है वहीं विभाग मुख्यालय को भी सही जानकारी मिलने में दिक्कत आ रही है।

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