जोधपुर | शहर हो या गांव, हर जगह कानून-व्यवस्था संभालने की पहली कड़ी कांस्टेबल है, जो पटवारी से भी कम तनख्वाह पर दिन-रात ड्यूटी कर रहे हैं।
इन्हीं कांस्टेबलों की वेतन कटौती करने के बाद फैल रहे असंतोष की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए नागरिक सुरक्षा समन्वय समिति के संयोजक जयप्रकाश कुमावत ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। इसमें बताया कि अपनी मांगों को लेकर गत दिनों पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार कर सरकार का ध्यान अपनी इस पीड़ा की ओर खींचने का प्रयास किया था, लेकिन कई महीनों बाद भी उनकी परेशानी का निदान नहीं हो पाया है। इन पुलिसकर्मियों को अब भी वर्दी धुलाई जैसे भत्ते के नाम पर भी महज 113 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं। फील्ड ट्रेवल अलाउंस के मात्र 500 रुपए दिए जाते हैं। एक सिपाही की ग्रेड पे 2400 रुपए है, जो पटवारी से भी कम है। पूर्ववर्ती सरकार ने पुलिसकर्मियों के वेतनमान में बढ़ोतरी की थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने सातवां वेतन आयोग लागू करने के साथ वेतन में 5 हजार रुपए की कटौती कर दी। ऐसे में इन जवानों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद भी पहले से कम तनख्वाह मिल रही है। इसके लिए कुमावत ने मुख्यमंत्री से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरा करने की मांग की है।