जोधपुर. राजस्थान में शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी
रिक्रूटमेंट-कम-एलिजिबिलिटी एक्जाम फॉर टीचर्स (रीट) के जरिए भर्ती हो रही
है। इस परीक्षा में कई नए प्रावधान किए गए हैं।
नई प्रणाली के तहत
अभ्यर्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा के समय हासिल
किए गए अंकों पर भी नंबर मिलेंगे। नई व्यवस्था के तहत जिला परिषद स्तर पर
होने वाली परीक्षा अब नहीं होगी। राज्य सरकार केवल रीट के जरिए शिक्षकों की
भर्ती करेगी। अभ्यर्थियों द्वारा दी गई वरीयता के आधार पर उन्हें विभिन्न
जिलों में नियुक्तियां दी जाएंगी। परीक्षा में योग्यता के मानकों में कोई
बदलाव नहीं किया गया है। ग्रेड थर्ड टीचरों की भर्ती के मामले में अब तक
लेवल-1 यानी कक्षा पांच तक के टीचरों के लिए हायर सेकेंडरी के साथ बीएसटीसी
और लेवल-2 यानी कक्षा 6 से 8 तक के टीचरों के लिए ग्रेजुएशन के साथ बीएड
की योग्यता का मानक रहा है।
रीट परीक्षा को लेकर राजस्थान के युवाओं में खासा क्रेज देखने
को मिला है। यहां के युवाओं से जब पत्रिका टीम ने बातचीत की तो उन्होंने
बताया कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के मुकाबले रीट की तैयारी कम खर्चे में
हो जाती है। इससे किसान व निम्न आय के तबके से आने वाले विद्यार्थियों को
खासा लाभ मिल जाता है। कम खर्चे में तैयारी करने से असली प्रतिभा उभर कर
आती है और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में सही लोग आगे आ पाते हैं।
वहीं इस परीक्षा के चलते अब वापस एसटीसी व बीएड आदि में युवाओं का रुझान
बढऩे लगा है।
रीट 2018 के ये हैं प्रावधान
- 60 प्रतिशत अंक रीट के जुड़ेंगे
- 40 फीसदी अंक हायर सेकेंडरी, ग्रेजुएशन, बीएसटीसी व बीएड के जुड़ेंगे
- जिला परिषद स्तर पर होने वाली परीक्षा अब नहीं होगी
इस नियम ने बढ़ा दी थी चिंता
रीट परीक्षा में शिक्षक बनने की मैरिट में स्नातक कक्षाओं के प्रतिशत का
वैटेज 30 प्रतिशत दिया जाना हजारों युवाओं को इस सरकारी नौकरी से बाहर कर
रहा है। इस नियम से प्रदेश के बाहर के युवा शिक्षक की नौकरी पाने में सफल
हो रहे हैं जबकि यहां के युवा पीछे रह रहे हैं। प्रदेश के कई राज्यों में
युवाओं के स्नातक में अंक प्रतिशत राजस्थान के युवाओं के प्रतिशत से बहुत
अधिक रहता है। इसी प्रकार 5 वर्ष पहले तक राजस्थान में स्नातक में उत्तीर्ण
होने का प्रतिशत बहुत कम रहता है जो अब कुछ बढ़ा है। इसके कारण राजस्थान
में अन्य राज्यों से यहां आकर प्रतियोगी परीक्षाएं देकर नौकरी पाने वालों
का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। इस बार हुई रीट परीक्षा में ढाई लाख
परीक्षार्थी अन्य राज्यों के बैठे थे। पिछली बार हुई शिक्षक भर्ती में बाहर
के प्रदेशों के युवाओं का नौकरी पाने वालों की संख्या 5 हजार से अधिक थी।