Important Posts

Advertisement

शिक्षा विभाग ने नियम-कायदे तो तय कर दिए, लेकिन बीस साल में भी नहीं कर पाया डीईओ की सीधी भर्ती

राजस्थान सरकार 20 साल बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती नहीं कर पाई है। वर्ष 1998 में जिला शिक्षा अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती के लिए नियम कायदे तय किए गए थे।
लेकिन सरकार ने कभी सीधी भर्ती के प्रयास ही नहीं किए। इससे अब शिक्षा विभाग को इन पदों को भरने के लिए बार-बार प्रमोशन का सहारा लेना पड़ रहा है। पिछले दिनों डीईओ के पदों को बढाकर 463 कर दिया गया, लेकिन इन पदों को भी प्रमोशन से ही भरने की तैयारी है।

राज्य सरकार ने वर्ष 1998 में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती का प्रावधान तय करते हुए यह नियम बनाया था कि डीईओ के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती और 50 फीसदी पद प्रमोशन से भरे जाएंगे। डीईओ के पद की सीधी भर्ती के लिए योग्यताएं भी तय कर दी गई थी। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी सरकार 20 साल में एक बार भी डीईओ की सीधी भर्ती नहीं कर पाई है। पहले प्रदेश में डीईओ के 142 पद स्वीकृत थे, जो विभागीय पुनर्गठन के चलते बढकर 463 हो गए हैं। यानी डीईओ के पदों में 321 पदों की बढोतरी हो चुकी है। इसके हिसाब से देखे तो डीईओ के 463 में से आधे यानी 231 पद सीधी भर्ती के जरिए भरे जाने चाहिए थे। हकीकत यह है कि विभाग ने इन पदों पर भी डीपीसी कर दी और 356 डीईओ की सूची भी जारी कर दी। जिनको जल्दी ही पोस्टिंग दे दी जाएगी।

रियलिटी चैक

शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों के पदों में 321 की बढ़ोतरी करके 463 पद तो कर दिए, लेकिन सीधी भर्ती का प्रयास ही नहीं किया... प्रमोशन के भरोसे भरेंगे नए पद

वर्ष 2015 तक डीईओ के आधे पद रहते थे खाली, हो रहा था नुकसान

प्रदेश में डीईओ के 142 पद स्वीकृत थे। इसमें से 71 पद प्रमोशन से भरे जाते थे और 71 पद सीधी भर्ती के लिए आरक्षित थे। वर्ष 1998 में सीधी भर्ती के नियम बनने के बाद से इन 71 पदों पर कभी सीधी भर्ती ही नहीं हुई। इस कारण यह पद हमेशा खाली पड़े रहे। विभाग 71 डीईओ के भरोसे ही काम चलाता रहा। वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग ने सरकार से सीधी भर्ती के पदों को प्रमोशन से भरने के लिए यह कहते हुए छूट मांगी कि इन पदों के खाली रहने से मॉनिटरिंग प्रभावित हो रही है। सरकार ने इसमें छूट दे दी। इसके बाद विभाग ने डीईओ के सभी 142 पद प्रमोशन से भर दिए। इसके बाद विभाग ने लगातार छूट लेकर सीधी भर्ती के पदों को प्रमोशन से भरने का सिलसिला शुरू कर दिया।

ब्लॉकों में लगने से घटेगी पद की गरिमा

कुल जिला शिक्षा अधिकारियों में से 301 को ब्लॉकों में ब्लॉक चीफ एजुकेशन ऑफिसर के पद पर लगाया जाएगा। अब तक डीईओ के पद का जो रुतबा और गरिमा रहती थी। वह घटेगी और डीईओ अब जिले का मालिक नहीं होकर, एक ब्लॉक का अधिकारी होकर रह जाएगा।

अभी सेवा नियमों में नहीं है बीसीईओ पदनाम

अभी सेवा नियमों में ब्लॉक में बीसीईओ जैसा कोई पदनाम नहीं है। ऐसे में विभाग को जल्दी ही सेवा नियमों में भी संशोधन करना पड़ेगा। फिलहाल बिना सेवा नियमों में संशोधन किए ही सारी प्रक्रिया की जा रही है। वित्त विभाग ने भी कहा है कि सेवा नियमों में संशोधन के लिए कार्मिक विभाग की सहमति ली जाए।

विभाग के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पीईईओ और बीईईओ दोनों के एक ही रैंक का अधिकारी होने के कारण गफलत हो रही थी। इस गफलत को दूर करने के लिए ब्लॉकों में अब जिला शिक्षा अधिकारी रैंक का अफसर लगाया जा रहा है। डीईओ के पदों को प्रमोशन से भरने के लिए नियमों में शिथिलता मिल गई है। -वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्यमंत्री

UPTET news

Recent Posts Widget

Photography