जोधपुर | सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन रोकने के लिए स्टूडेंट्स के लिए
आधार कार्ड अनिवार्य रूप से लागू कर दिया है। 2700 सरकारी स्कूलों में से 1
लाख 20 हजार के ही आधार कार्ड बन पाए हैं। शेष 40 प्रतिशत छात्र-छात्राओं
के आधार कार्ड बनाने के लिए संस्था प्रधान मशक्कत कर रहे हैं।
आधार कार्ड
को स्टूडेंट्स के नामांकन, पोषाहार और छात्रवृत्ति से जोड़ा गया है। शिक्षा
विभाग पोर्टल पर विद्यार्थी आधार नंबर को ऑनलाइन दर्ज कर रहा है। इसके लिए
जयपुर में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बुलाकर निर्देश भी जारी कर दिए
हैं। शिक्षा विभाग ने इसके लिए सख्ती की तो 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स के आधार
कार्ड बना दिए गए। आधार कार्ड बनने से आरटीई में दाखिल होने वाले
स्टूडेंट्स के बारे में भी पूरी जानकारी आसानी से मिल रही है। साथ ही दोहरा
भुगतान भी नहीं हो रहा। बैंक खातों से आधार लिंक होने की वजह से
छात्रवृत्ति दूसरे छात्रों के खातों भी नहीं जा सकती। जिला शिक्षा अधिकारी
प्रारंभिक धर्मेंद्र कुमार जोशी ने बताया, कि स्कूलों में कैंप लगाकर सभी
बच्चों के आधार कार्ड बना दिए जाएंगे। उन्होंने बताया, कि निजी मान्यता
प्राप्त स्कूलों में एडमिशन लेने वाले आरटीई के बच्चों के आधार कार्ड व
प्रवेश रजिस्टर में अंतर आ रहा है तो इसको भी सही करने के निर्देश दिए हैं।
ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों की पुनर्भरण राशि रोक दी जाएगी। जिला शिक्षा
अधिकारी माध्यमिक प्रथम रामेश्वरलाल जोशी ने बताया, कि आधार कार्ड बनाने के
लिए संस्था प्रधानों को निर्देशित किया गया है।