भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन राजकीय प्राथमिक विद्यालय सारण नंबर
सात में कोटा से नियुक्त एक शिक्षक आए दिन अनुपस्थित रहता है। लेकिन बाद
में वापस आने पर हाजरी रजिस्टर में अनधिकृत रूप से हस्ताक्षर करने की कोशिश
करता है।
जैसे ही संस्थाप्रधान की ओर से इस पर आपत्ति की गई तो
संस्थाप्रधान को ही डराना और धमकाया गया।
इस मामले की शिकायत डीईओ को मिलने के बाद एडीपीसी गोवर्धनलाल यादव ने
जांच की। जांच के दौरान आरोप साबित हुए है। अब मामले में डीईओ को रिपोर्ट
दी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। दरअसल उक्त स्कूल में पूर्व
से ही संस्थाप्रधान सुभाष रोत कार्यरत है, लेकिन कुछ समय पहले ही कोटा
निवासी रूपेंग बरंग की नियुक्ति हुई है। लेकिन पिछले वर्ष 6 अक्टूबर 2017
से लंबे समय तक अनुपस्थित रहा। इस दौरान शिक्षक की हरकतों के कारण
अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लिया। वहीं बच्चों को सारण सात
में शिफ्ट कर दिया। बीईईओ ने बाद में संस्थाप्रधान की रिपोर्ट को दरकिनार
कर रूपेंग बरंग को इसी स्कूल में लगाया। फिर अनुपस्थित रहना और जबरन
हस्ताक्षर की कोशिश करना आदत बन गई। एडीपीसी गाेवर्धनलाल यादव ने बताया कि
स्कूल का निरीक्षण किया है। शिकायत मिलने पर जांच की थी। आरोप सही पाए गए
हैं। डीईओ को रिपोर्ट दी जाएगी। फिर आगे की कार्रवाई होगी। उक्त कोटा
निवासी शिक्षक को पीईईओ के अधीन लगाने के निर्देश दिए हैं।
19 जून से अनुपस्थित, 2 जुलाई को आया, मांगा रजिस्टर
दूसरी ओर एसएमसी अध्यक्ष लालशंकर अहारी, पीईईओ श्यामलाल लबाना और
बीईईओ चिखली चेतन लाल पाटीदार ने इस प्रकरण की शिकायत डीईओ की और एडीपीसी
को जांच अधिकारी नियुक्त किया। वहीं शनिवार को एडीपीसी यादव पहुंचे और
मामले की जांच की। मौके पर शनिवार को बिना किसी सूचना के अनुपस्थित मिला।
वहीं राउप्रावि सोहनवडली, प्राथमिक स्कूल सलाखडी नंबर 5, शिशोट उपली और
नवीन का निरीक्षण किया गया। हालांकि इन स्कूलों में खाद्यान्न की कमी होने
के कारण समस्या आ रही है।