जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती 2012-13 में हुई
भारी अनियमितताओं को लेकर सरकार ने विवि पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के पुलिस अधीक्षक अजयपाल
लाम्बा विवि के केंद्रीय कार्यालय पहुंचे और कार्यवाहक कुलपति प्रो.
राधेश्याम शर्मा से दो घण्टे तक चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने
एसीबी अधिकारियों को भी शिक्षक भर्ती के आरोपियों पर कार्रवाई के लिए जल्द
से जल्द अंतिम निर्णय पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
लाम्बा ने
कुलपति प्रो. शर्मा से शिक्षक भर्ती 2012-13 के विज्ञापन जारी होने से लेकर
अंतिम तौर पर चयनित अभ्यर्थियों की पूरी प्रक्रिया के बारे में बातचीत की।
इस दौरान प्रक्रिया के हर चरण में हुई भारी गड़बड़ी को कुलपति के सामने
रखा। दोनों ने न्यायालय में चल रही कार्यवाही के बारे में भी चर्चा की।
लाम्बा ने अभ्यर्थियों पर की गई आपराधिक कार्रवाई के बारे में बताया। उधर
विवि की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट कुलपति को
नहंी सौंपी है। इस कमेटी की रिपोर्ट मिलते ही सिण्डीकेट बैठक का एक सूत्रीय
एजेंडा बनाकर बैठक आहूत की जाएगी।
विवि के कुलपति ने एसीबी से
शिक्षक भर्ती में चयनित 154 शिक्षकों के अलावा भर्ती प्रक्रिया में शामिल
अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। भर्ती प्रक्रिया में शामिल
शिक्षकों पर अंतिम कार्रवाही की रिपोर्ट बनाकर सिण्डीकेट बैठक में रखी
जाएगी। सिंडीकेट यह निर्णय करेगी कि 5 साल से विवि में कार्यरत 154
शिक्षकों की भर्ती निरस्त की जाए अथवा नहीं। अंतिम रिपोर्ट सरकार को भेजी
जाएगी। सरकार और राजभवन ने विवि को पत्र भेजकर 2012-13 के शिक्षक भर्ती
घोटाले पर 'आवश्यक कार्यवाही' के निर्देश दिए हैं। पत्र के साथ प्रो. दशोरा
कमेटी की रिपोर्ट भी है जिसका गठन उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती जांच
के लिए किया था। कमेटी की रिपोर्ट को जांचनें और अंतिम सारांश बताने के
लिए विवि ने तीन प्रोफेसर्स की कमेटी गठित की है। अब देखना होगा इसका क्या
नतीजा निकलता है।