राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के सिलेबस ने अभ्यर्थियों को मुसीबत में डाल दिया है। हिंदी के सिलेबस में पिछली बार की तुलना में इस बार करीब छह गुना अधिक रचनाओं को शामिल किया गया है।
एक्सपर्ट का कहना है कि सेकंड ग्रेड का सिलेबस नेट, प्रथम श्रेणी व्याख्याता से भी कहीं ज्यादा है। अब तक सिलेबस में गद्य व पद्य भाग को मिलाकर कुल 29 रचनाएं ही शामिल थीं। पिछले दिनों आयोग द्वारा जारी नए सिलेबस में रचनाओं की कोई संख्या तय नहीं की गई बल्कि कक्षा नौवीं से बारहवीं तक नए पाठयक्रम के अनुसार सभी रचनाओं को शामिल कर लिया गया। इसमें अनिवार्य हिंदी व ऐच्छिक हिंदी की गद्य व पद्य की रचनाओं को पाठयक्रम में शामिल किया गया है। भास्कर ने कक्षा नौ से बारह तक की किताबों का बारीकी से अध्ययन किया तो सामने आया कि करीब 10-12 किताबों में गद्य व पद्य दोनों भागों को मिलाकर करीब 176 रचनाएं हैं। इन सभी का अध्ययन तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को करना होगा। भास्कर ने छात्रों की समस्या को बारीकी से देखा तो सामने आया कि यदि एक रचना को 4 घंटे का समय भी दिया जाए तो 176 रचनाओं के लिए 704 घंटे चाहिए। छात्रों का यह भी कहना है कि सरकार ने बिना सोचे सिलेबस में सभी किताबों को शामिल कर दिया। यदि गुणवत्ता चाहिए तो विशेष रचनाओं पर फोकस किया जाना चाहिए था।
सरकार को गुणवत्ता चाहिए तो निश्चित बिंदुओं पर फोकस किया जाना आवश्यक है। 176 रचनाओं को बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे, ऐसे में गुणवत्ता का इश्यू रह जाएगा। इस तरह तो बच्चे सालभर में सिलेबस को पूरा नहीं कर पाएंगे। - डॉ. फरमान अली, एक्सपर्ट
सेकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा
हिंदी के सिलेबस में पहले 29 रचनाएं थीं अब 176 हुई, एक रचना पढ़ने में लगते हैं 4 घंटे
अभी तक जारी नहीं व्याख्याता पद के सिलेबस
आरपीएससी ने अभी तक व्याख्याता के कई विषयों के सिलेबस जारी नहीं किए हैं। जबकि सरकार का दावा यह था कि चुनावों से पहले सभी परीक्षाओं को करा लिया जाएगा। ऐसे में अभ्यर्थियों को चिंता सता रही है कि परीक्षाएं नजदीक आने पर सिलेबस जारी हुआ तो तैयारी कैसे होगी। फिलहाल हजारों अभ्यर्थी पुराने सिलेबस के सहारे ही तैयारी कर रहे हैं।