बीकानेर. राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान
विश्वविद्यालय में राज्य सरकार की ओर से संसाधन एवं योजनाओं का लाभ नहीं
मिलने से आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
(आरकेवीवाई) में स्वीकृत पशुधन नस्ल संवद्र्धन की योजनाएं भी राज्य बजट में
डाल दी गई है।
इस योजना मद में हर वर्ष मिलने -+वाली आठ करोड़ की राशि के
बदले राज्य सरकार से बजट नहीं मिल रहा है। वहीं विवि की हेरिटेज इमारत की
मरम्मत के प्रस्तावों पर भी राज्य ने नोटिस नहीं लिया है। वहीं स्वीकृति
पदों को भरने की अनुमति नहीं मिल रही है।
विवि में राज्य सरकार ने शिक्षकों के ३१४ पद भरने की वित्तीय स्वीकृति
जारी की थी। इन पदों को भरने पर राज भवन ने रोक लगा दी है। इससे स्वीकृत पद
नहीं भरे जा रहे हैं। हालांकि विवि ने पद संबंधी आपत्तियों का जवाब दे
दिया है। बड़ी संख्या में रिक्त पदों के चलते विवि में अनुसंधान एवं शिक्षण
व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
इसी तरह विवि में नि:शुल्क पशुधन दवा योजना की स्वीकृति नहीं है। वि.वि.
की क्लिनिक में हालांकि पशुओं को नि:शुल्क दवा दी जाती है, लेकिन इसके लिए
हर साल लगभग एक करोड़ रुपए विवि फण्ड से दिए जाते हैं। राष्ट्रीय कृषि
विकास योजना में गोधन की देसी नस्ल के संवद्र्धन की योजना अवधि पूरी होने
से राशि मिलना बंद हो गई है। हेरिटेज जीन्स बैंक की योजना भी आरकेवीवाई में
प्रस्तावित की गई है।
भवन मरम्मत के प्रस्ताव भेजे
विवि का भवन
ऐतिहासिक है। इसके रख-रखाव के लिए राज्य सरकार को बजट प्रस्ताव भेजे गए
हैं। इन प्रस्तावों को स्वीकृति नहीं मिली है। राज्य सरकार ने विवि में ३१४
पदों की भर्ती की वित्तीय स्वीकृति दे दी थी, लेकिन राज भवन ने भर्ती पर
रोक लगा रखी है। उम्मीद है कि रोक शीघ्र ही हट जाएगी। आरकेवीवाई में
स्वीकृत योजनाएं अब राज्य बजट में डाल दी गई है। इससे विवि पर वित्तीय दबाद
बढ़ा रहा है।
प्रो. त्रिभुवन शर्मा, डीन, वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर