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खाली पड़े शिक्षकों के पद, स्कूलों में चरमराई शिक्षण व्यवस्था

बीकानेर. प्रदेश में पिछले चार वर्ष में लगभग एक लाख अध्यापकों को ६डी के तहत सैटअप परिवर्तन व स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग से माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेज दिया गया। इससे माध्यमिक शिक्षा विभाग में पद भी पूरे नहीं भरे गए और प्रारंभिक शिक्षा में पद लगभग खाली हो गए।
वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लगभग ७० हजार पद खाली पड़े हैं, जिससे स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था चरमरा गई है।
सरकार एक तरफ विभाग सैटअप परिवर्तन के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा विभाग में पद भरने का प्रयास कर रही है, वहीं प्रारंभिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी होने लगी है। इसके कारण प्रारंभिक के साथ माध्यमिक शिक्षा में भी शिक्षकों के हजारों पद खाली है। पद खाली होने से आए दिन स्कूलों में तालाबंदी होने लगी है। उधर, सरकार ने ५४ हजार पदों पर भर्ती निकाली है, लेकिन यह भर्ती मामला कोर्ट में विचाराधीन है। प्रारंभिक शिक्षा के कई प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दो से चार शिक्षक ही कार्य कर रहे हैंं। उन्हें विद्यालयों में राज्य सरकार की योजनओं को प्रभावशाली ढंग से चलाने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

दस साल से बाबूगिरी
एक तरफ विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, वहीं शिक्षकों को बीकानेर जिले के पंजीयक शिक्षा विभागीय कार्यालय, उपनिदेशक कार्यालय, प्रारंभिक व माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिनियुक्ति, व्यवस्था या आगामी आदेश के नाम पर लम्बे समय से लगाया हुआ है। कुछ शिक्षक तो दस साल से कार्यालयों में लिपिकीय कार्य कर रहे हैं।

शीघ्र हो भर्ती
छात्रहित और मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण योजनाओं को पूर्ण करने के लिए शिक्षकों की भर्ती शीघ्र करनी चाहिए।
किशोर पुरोहित, प्रदेश संयोजक, शिक्षक संघ भगतसिंह


विभाग की उदासीनता
स्कूलों में नामांकन तो बढ़ा है, लेकिन विषय अध्यापकों की कमी हुई है। यह राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की उदासीनता को प्रकट करता है।
श्रवण पुरोहित, प्रदेश मंत्री, शिक्षक संघ शेखावत

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