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उफ! शिक्षक भर्ती का ये कैसा सिस्टम; 6 साल चली 135 पंजाबी शिक्षकों की ‘परीक्षा’...अब होगी स्कूलों में नियुक्ति

भास्कर संवाददाता|श्रीगंगानगर

करीब 6 साल से पहले सरकार ने जिन पंजाबी शिक्षकों की भर्ती परीक्षा ली थी, अब जाकर उन्हें नौकरी मिली है। लंबा संघर्ष करने के बाद यह प्रक्रिया सिरे चढ़ सकी। साल 2012 में पंजाबी शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा हुई। परिणाम से ठीक पहले अनियमितताओं की शिकायत के चलते भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई।
इसके बाद परीक्षा दुबारा कराने का निर्णय हुआ, लेकिन तारीख तक तय नहीं हुई। इस कारण अभ्यर्थियों को आवाज भी बुलंद करनी पड़ी। फिर फरवरी 2018 में पुन: परीक्षा हुई। इसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया अटका दी गई। अब मंगलवार को प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में 115 पंजाबी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक में काउंसलिंग हुई।

इसलिए रद्द हुई थी परीक्षा.. 50 प्रश्न एक ही बुक से

वर्ष 2012 में प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पंजाबी के 135 पदों के लिए जिला परिषद के माध्यम से भर्ती निकाली थी। इसके बाद भर्ती परीक्षा हुई थी, लेकिन इस परीक्षा में एक ही किताब से 50 प्रश्न आ गए थे, उस समय अभ्यर्थी कोर्ट की शरण में गए थे। अभ्यर्थियों की याचिका के बाद कोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी थी और मामला न्यायालय में विचाराधीन था। कोर्ट के आदेश के बाद फरवरी 2018 में दुबारा पंजाबी विषय के अभ्यर्थियों की परीक्षा हुई थी।

2012 में भर्ती निकलने पर हुई थी परीक्षा, फिर अनियमितताओं के चलते रोक लगी, फरवरी 2018 में पुन: हुआ पेपर...मंगलवार को हुई काउंसलिंग

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विभागीय लापरवाही के कारण काउंसलिंग निर्धारित समय से लगभग 5 घंटे देरी से शुरू हुई। अभ्यर्थियों को सुबह 8 बजे बुलाया गया था और काउंसलिंग दोपहर 3 बजे के बाद शुरू हो पाई। इस कारण अभ्यर्थियों को भूखे-प्यासे सारे दिन परेशान होना पड़ा। काउंसलिंग में शामिल होने वाले 115 अभ्यर्थियों में से 58 महिला अभ्यर्थी हैं, जो काउंसलिंग के लिए डीईओ कार्यालय पहुंची थी। यह सभी जिले के दूर-दराज के इलाकों से शहर आई थी। इसमें से कई ऐसी भी थी, जिनके साथ उनके बच्चे भी थे। सारा दिन उमस भरी गर्मी में परेशानियों का सामना करना पड़ा। काउंसलिंग में शामिल होने आए लक्ष्मण भाटी ने बताया कि 8 बजे से रजिस्ट्रेशन होना था और 10 बजे से काउंसलिंग शुरू हो जानी थी। लेकिन यह प्रक्रिया 3 बजे के बाद शुरू हो पाई।

भर्ती की ऐसी सुस्त चाल कि कछुआ भी शरमा जाए

उमस में भूखे-प्यासे ही बिताए 10 घंटे

28 एमएल की रमनदीपकौर ने बताया कि वह सुबह 7:30 बजे ही आ गई थी। तीन महीने की बेटी को साथ लाना मजबूरी थी। काउंसलिंग में देरी होने के कारण उन्हें पूरे दिन परेशान होना पड़ा। उन्होंने बताया कि बच्ची सिजेरियन ऑपरेशन से हुई है और उसे छोड़ नहीं सकती। गर्मी और शोर से बचाने के लिए वह एक कमरे में ही बैठी रही। 3 बजे के बाद काउंसलिंग शुरू है, इसके बाद भी करीब दो घंटे से ज्यादा समय लग गया।

बच्चा गर्मी में रोता रहा...िफर काउंसलिंग

घड़साना की रमनदीपकौर ने बताया कि काउंसलिंग सूची में उनका काफी पहले था। काउंसलिंग सही समय पर शुरू होती तो 12 बजे तक उनकी काउंसलिंग भी पूरी हा़े जाती। घर पर कोई नहीं था, इसलिए वह अपने तीन साल के बेटे को साथ लेकर आई थी। प्रक्रिया देरी से शुरू होने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ा। छोटा बच्चा था और वह भूख के कारण परेशान हो रहा था। जबकि वह काउंसलिंग छोड़कर बाहर नहीं जा सकती थी।

नए शिक्षकों को 7 स्कूल ऐसे अलॉट किए, जहां पंजाबी के पद ही नहीं

115 अभ्यर्थियों के लिए 115 स्कूल अलॉट किए गए थे। जब काउंसलिंग शुरू हुई तो इसमें से 7 स्कूलों में पद ही नहीं थे। इसलिए अधिकारियों ने दुबारा जयपुर काल करके सीटें बढाने व नए स्कूल अलॉट करने को कहा। जयपुर से नए स्कूल अलॉट होने में समय लगने के कारण देरी होती रही। डीईओ प्रारंभिक हरचंद गोस्वामी ने बताया कि जब भर्तियां निकाली गई थी, उस समय पंजाबी 135 पद थे। बाद में भर्ती पर रोक लगने के कारण पंजाबी के पद समाप्त हो गए थे। इस समय पंजाबी के सिर्फ 10 पद ही बचे थे। इसलिए सभी 115 शिक्षकों को नियुक्ति देन के लिए हिंदी के 80 पद और लेवल वन के पदों को पंजाबी में बदलकर शिक्षकों की काउंसलिंग कराई गई।

भयंकर उमस में सुबह 8 बजे बुलाया काउंसलिंग को, शुरू हुई दोपहर बाद

काउंसलिंग में कई ऐसी महिला अभ्यर्थी भी थी, जो 2012 में आवेदन करते समय अविवाहित थी, मंगलवार को ज्यादातर बच्चों संग पहुंची

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