आरपीएससी की भर्ती परीक्षा में होने वाली गफलतबाजी को लेकर विरोध के स्वर
मुखर होने लगे हैं। अब शिक्षकों ने भी पारदर्शी भर्ती नहीं होने पर
प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
इस बाबत शिक्षकों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर
पारदर्शी रूप में परीक्षा करवाने की मांग की। शिक्षक जयचंद कड़वासरा ने
बताया कि आयोग ने परीक्षार्थियों का भरोसा तोड़ा है। प्रश्न डिलीट करना और
गलत सवाल जारी करना आरपीएससी की परंपरा बन गई है। पवनसिंह राठौड़ ने बताया
कि पारदर्शी भर्ती नहीं होने पर प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा का बहिष्कार
किया जाएगा। पिछले वर्ष 2012 की प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा में 27 प्रश्न
डिलीट किए गए, वहीं कई सवाल ही गलत आए।
पिछले पांच-सात वर्षों में हुई परीक्षाओं के परिणाम को लेकर अभ्यर्थी
कोर्ट में जा रहे हैं। काेर्ट भी टिप्पणी कर रहा है कि आरपीएससी परीक्षा
करवाने लायक नहीं है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इससे योग्य अभ्यर्थी
के चयन पर प्रभाव पड़ता है। ज्ञापन पर शिक्षक संघ शेखावत के रामस्वरूप सारण,
अब्दुल अजीज, शिवरतन, सुखाराम पूनिया, कृष्णमुरारी, मोहनलाल पचार,
खिराजसिंह, अनोपसिंह राठौड़, राकेश शर्मा, होशियार सिंह, हरिराम मोगा सहित
कई वरिष्ठ अध्यापकों व व्याख्याताओं के हस्ताक्षर हैं।