जिला परिषद अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा 2012 व 13 के माध्यम से चयनित एवं
वर्ष 2017 में पदस्थापित शिक्षकों को भर्ती में शामिल अन्य शिक्षकों के
समान वरिष्ठता का लाभ देने एंव स्थाईकरण करने की मांग को लेकर शुक्रवार को
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा की
अगुवाई में शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा महेश
रिजवानी को ज्ञापन सौंपा।
जिला मंत्री दिनेश चंद्र ने बताया कि ज्ञापन में लिखा है एक ही भर्ती
के तहत नियुक्त शिक्षकों के वरिष्ठता एवं वेतन भत्ते तय करने में अलग अलग
मापदंड तय किए जा रहे हैं। जिससे सैकड़ों शिक्षकों को अनेक विभागीय
परिलाभों से वंचित होना पड़ रहा है। ज्ञापन में जिला शिक्षा अधिकारी को
बताया कि जिला परिषद अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा 2012 व 13 में चयनित
शिक्षकों को विभाग ने वर्ष 2017 में पोस्टिंग दी गई। जबकि अधिकतर शिक्षकों
को 2012 व 15 में ही नियुक्तियां प्रदान कर दी गई। लेकिन विभागीय
कार्यप्रणाली से सैंकड़ो शिक्षकों के पदस्थापन में देरी की गई। ऐसे में
इन्हें चयनतिथि से वरिष्ठता का लाभ देते हुए स्थायीकरण किया जाना चाहिए,
लेकिन विभाग की ओर से आज तक पर परिलाभों से शिक्षकों को वंचित किया जा रहा
है। जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि अनेक शिक्षकों की ओर से राजस्थान
उच्च न्यायालय में एसबी सिविल रिट पीटिशन दायर कर चयन तिथि से ही समस्त
परिलाभ देने की मांग की गई थी। उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने हेमलता
श्रीमाली व अन्य बनाम राजस्थान सरकार में पारित निर्णय में इन शिक्षकों को
अन्य शिक्षकों के समान ही चयन तिथि से ही समस्त परिलाभ देने के आदेश जारी
किए हुए हैं। लेकिन अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से इस की
पालना नहीं की जा रही है। संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी से इस प्रकरण में
सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए 2012 में 13 में नियुक्त अन्य शिक्षकों के
समान 2017 में पदस्थापित शिक्षकों को भी वरिष्ठता का लाभ प्रदान करते हुए
स्थाईकरण आदेश जारी कराए जाने की मांग की है। इस दौरान यादराम सैनी, राजेश
ठाकुर, संजू कुमारी, राजवती, मिनी कुमारी, आमीन खान, अमर सिंह, शैलेश
कुमार, विवेक भास्कर, कुलदीप शर्मा, धर्मेंद्र कुमार, सोनपाल राठौर, प्रकाश
चंद, सुनील कुमार, मातादीन, साहब सिंह, वीरो गुर्जर, बृजलाल, अजीत सिंह
आदि मौजूद थे।