श्रीगंगानगर. भले ही केंद्र सरकार ने इक्कीस तरह की दिव्यांगता की
श्रेणियां बनाकर उन्हें स्वीकृति दी हो लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में अब भी
विशेष शिक्षक केवल तीन तरह के ही होते हैं। पूरे प्रदेश में केवल तीन
श्रेणियों में ही विशेष शिक्षकों का वर्गीकरण कर इनका चयन किया जाता है।
इन
तीन श्रेणियों से इतर किसी श्रेणी का दिव्यांग शिक्षा के लिए आने पर उसे
तीसरी श्रेणी में ही भर्ती कर दिया जाता है, भले ही उसकी परेशानी इससे मेल
नहीं खाती हो।
इन श्रेणियों में नियुक्त होते हैं विशेष शिक्षक
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजकीय
विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति केवल विजुअली इम्पायर्ड यानी
दृष्टिबाधित, हियरिंग इम्पायर्ड यानी श्रवणबाधित तथा मेंटली रिटार्टेड यानी
मानसिक विमंदित श्रेणियों में ही होता है। राज्य सरकार इससे इतर विशेष
शिक्षकों के लिए सेरेब्रलपॉल्सी, ऑटिज्म, लर्निंग डिस्एबिलिटी और
कम्प्युनिटी बेस्ड रिहेब्लीटेशन श्रेणियों में भी पाठ्यक्रम करवाती है।
इसके साथ ही विकलांगता की भी इक्कीस श्रेणियां तय की गई है। राज्य सरकार की
और से जो तीन श्रेणियां शिक्षक नियुक्ति के लिए तय है, उससे इतर यदि किसी
तरह की दिव्यांगता से पीडि़त व्यक्ति राजकीय विद्यालयों में अध्ययन के लिए
जाता है तो उसे तीसरी श्रेणी में शामिल किया जाता है।
विद्यार्थी को होती है परेशानी
विशेष शिक्षा के विशेषज्ञ बताते हैं
कि राज्य सरकार ने दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और मानसिक विमंदित श्रेणियों
में ही नियुक्तियां की हुई है। अब यदि किसी केंद्र पर सेरीब्रलपाल्सी का
रोगी अध्ययन के लिए पहुंच जाता है तो उसे तीसरी श्रेणी यानी मानसिक
विमंदितता में ही शामिल कर लिया जाता है, जबकि मानसिक विमंदितता का
सेरीब्रलपॉल्सी से कोई सीधा संबंध नहीं है। इसी प्रकार यदि ऑटिज्म यानी
अतिचंचलता का कोई विद्यार्थी भी इन केंद्रों पर पहुंच जाता है तो उसे भी
तीसरी श्रेणी में ही शामिल किया जाता है।
इसका भी मानसिक विमंदितता से
कोई सीधा सबंध नहीं है। ऐसे में इनकी पढ़ाई किस तरह होती होगी, सहज ही
अनुमान लगाया जा सकता है कि उनकी पढ़ाई कैसी होती होगी।
तीन ही श्रेणियों में नियुक्ति
विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की
तीन ही श्रेणियां दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और मानसिक विमंदितता वर्गीकृत
की हुई है। इन श्रेणियों से अलग व्यक्ति के अध्ययन के लिए आने पर उसे
तीसरी श्रेणी मानसिक विमंदितता में ही शामिल किया जाता है।
भूपेश शर्मा, प्रभारी, जिला दिव्यांगता प्रकोष्ठ, श्रीगंगानगर