एजुकेशन रिपोर्टर | जयपुर/जोधपुर राज्य सरकार ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में चल रही सामान्य
संकायों के शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाने की तैयारी कर ली है। इस संबंध
में संभवतया मंगलवार को आदेश जारी करने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार
सरकार ने ये भी तय किया है कि सभी शिकायतों की उच्चस्तरीय जांच के बाद ही
भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। दरअसल इस भर्ती में रोस्टर का कुछ
एससी-एसटी संगठनों ने विरोध शुरू किया था। इसके बाद फरवरी माह में दो
विधायक सिंडिकेट सदस्य पब्बाराम विश्नोई व अर्जुन लाल गर्ग भी विरोध में
उतर गए। उन्होंने राज्य की शिक्षामंत्री से भी मुलाकात की तथा इस संबंध
अवगत करवाते हुए भर्ती को रोकने की मांग की। तत्कालीन सिंडिकेट सदस्य प्रो.
एके गुप्ता व कैलाश भसीन ने भी साथ दिया। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में कई
कमियां बताते हुए इसे रोकने का दबाव बनाया तथा प्रेसवार्ता भी आयोजित की।
सूत्रों के अनुसार इन्हीं शिकायतों और विरोध के आधार पर उच्च शिक्षामंत्री
किरण माहेश्वरी ने निर्देश दे दिए हैं। पालना में शिक्षा ग्रुप चार की ओर
से एक भी भर्ती प्रक्रिया को रोके जाने की तैयारी चल रही है। यानी
असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की भर्ती फिलहाल अटक सकती है। ज्ञात रहे कि भर्ती
प्रक्रिया में हुई शिकायतों के संबंध में राज्य सरकार की ओर से जेएनवीयू से
गत माह तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई थी। कुलपति प्रो. सिंह ने रिपोर्ट भेज
दी थी। हालांकि कुलसचिव प्रो. पीके शर्मा का कहना है कि उन्हें इस संबंध
में अब तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
विरोध पर दो सिंडिकेट सदस्य हटाए थे
जेएनवीयू की इस भर्ती को रोकने के लिए फरवरी माह में चार सिंडिकेट
सदस्यों ने विरोध दर्ज करवाया था। जिसमें एक कुलपति नामित सदस्य प्रो.
अनिल कुमार गुप्ता तथा दूसरे सिंडिकेट सदस्य राज्यपाल नामित सदस्य डॉ.
कैलाश भसीन थे। इसके बाद उन्हें हटा दिया गया तथा उनकी जगह पर कुलपति नामित
सदस्य के रूप में प्रो. रवि सक्सेना तथा राज्यपाल नामित सदस्य के रूप में
बीकानेर के डॉ. भरतसिंह काे सदस्य बनाया गया।