डूंगरपुर| सरकारी स्कूलों में कार्यरत शारीरिक शिक्षक, जिनके पास बीएड की
योग्यता है, लेकिन उन्हें प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक की आरपीएससी से
होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं है। क्योंकि इनके पास बेसिक
शारीरिक शिक्षक की डिग्री है।
ऐसे में जिले के 450 स्कूलों में कार्यरत 450 शारीरिक शिक्षक इस नियम
के तहत कभी भी प्रधानाध्यापक नहीं बन सकते हैं। ऐसे में शारीरिक शिक्षक संघ
ने सरकार से मांग की है कि योग्यताधारी जो बीएड और स्कूलों में विषयों को
पढ़ाने वाले शारीरिक शिक्षकों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए।
संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी और शारीरिक शिक्षक हरीशचंद्र पाटीदार ने बताया
कि कई ऐसे पीटीआई हैं जो अपनी योग्यता के बल पर स्कूलों में पढ़ाते हैं और
अच्छा रिजल्ट तक रखते हैं, लेकिन वह प्रधानाध्यापक नहीं बन पाते हैं।
ग्राम विकास अधिकारियों का स्नेह मिलन आज
घाटोल| राज्य सरकार ने ग्रामसेवक पदेन सचिवों को ग्राम विकास
अधिकारी पर पदोन्नत किया है। घाटोल ग्राम विकास अधिकारियों का स्नेह मिलन
समारोह शनिवार शाम 4 बजे घाटोल के डगिया भैरव मंदिर परिसर में रखा गया है।
पहले प्राप्त करें अनुभव प्रमाण पत्र
दूसरी ओर सभी शारीरिक शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह पहले
अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त करें। इसके लिए बीएड योग्यताधारी शारीरिक शिक्षक
अपने स्कूल के प्रधानाचार्य से प्रमाणित कराए कि वह स्कूल में विषयों को
पढ़ाते हैं और उनके पास बीएड की योग्यता है। इसके बाद इसी प्रमाणित कॉपी के
साथ ही डीईओ से अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त करें। फिर प्रधानाध्यापक की
परीक्षा में बैठने के लिए आवेदन करे। इसके बावजूद अनुमति नहीं मिलती है तो
कोर्ट में जाने का निर्णय किया जाएगा । संगठन के प्रदेशाध्यक्ष यतीशचंद्र
शर्मा ने बताया कि योग्य है तो उसे मौका मिलना चाहिए। इसके लिए संगठन स्तर
पर प्रयास जारी है।