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डीईओ प्रारंभिक शिक्षा विभाग के खिलाफ शिक्षक मुखर

प्रारंभिक शिक्षा विभाग में चल रही गड़बड़ियों से शिक्षकों में असंतोष बढ़ रहा है। इसे लेकर शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने डीईओ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रमुख शासन सचिव से शिकायत कर हटाने की मांग उठाई है।


संघ की नगर उपशाखा नगर के अध्यक्ष दिलीप पाठक ने भेजे पत्र में बताया कि शासन सचिव खुद डीईओ की लापरवाही पर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर को सीसीए 17 में कार्रवाई करने के निर्देश दे चुके हैं। बांसवाड़ा कलेक्टर ने भी नोटिस दिया है। इसके बाद भी डीईओ कार्यालय में नियमों के तहत आने वाले काम देरी से, जबकि अनियमित कार्य धड़ल्ले से हो रहे हैं। डीईओ ने 2012 में नियुक्त शिक्षकों के वेतन नियमितीकरण, स्थाईकरण और 2015 में नियुक्त शिक्षकों के स्थाईकरण के आदेश वेतन व नियमितिकरण के प्रकरणों को अटका दिया। लिपिकों ने शिक्षकों के चयनित वेतनमान स्वीकृति के आदेश तैयार कर दिए, लेकिन महज दस्तखत करने में डीईओ ने देरी की। संगठन ने पत्र में चेताया कि अब डीईओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर मुख्यमंत्री की प्रस्तावित बांसवाड़ा यात्रा के दौरान ज्ञापन देकर विभाग की सीधी शिकायत की जाएगी। पत्र भेजने वालों में वनेश्वर गर्ग, यज्ञदत्त जोशी, चुन्नीलाल राठौड़ और मयूर जोशी भी शामिल हैं।

निजी स्कूलों की मान्यता के लिए जरूरी भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र को लेकर गतिरोध

बांसवाड़ा। जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग से मान्यता की जरूरी शर्त भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र को पूरा करने में निजी स्कूलों के लिए संकट खड़ा हो गया है। इसके लिए एकबारगी पीडब्ल्यूडी की ओर से हाथ खड़े करने के बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परिपत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट की, लेकिन जिला स्तर पर अभी तक मुख्यालय से कोई आदेश नहीं आने से गतिरोध बना हुआ है।

दरअसल, निजी स्कूलों को हर साल अपने भवन सही सलामत और सुरक्षित है, इसका प्रमाणपत्र विभाग में देना होता है, तभी मान्यता अवधि आगे बढ़ती है। यह काम अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी के जिम्मे रहता है, जबकि सर्व शिक्षा अभियान के अधीन कार्यों के लिए सहायक अभियंता अधिकृत हैं। ऐसे में एसएसए में एईएन मौजूद हैं, लेकिन रमसा के पास एक्सईएन नहीं होने से यह काम संबंधित स्कूलों में पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन से करवाने की व्यवस्था रही। फिर नवंबर,2017 में पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव ने परिपत्र जारी कर स्पष्ट किया कि प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थाओं का भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र रमसा और एसएसए के माध्यम से ही होगा। उसके बाद से दिक्कत शुरू हो गई। ऐसे में मान्यता के सवाल पर रमसा की राज्य परियोजना निदेशक आनंदी ने परिपत्र जारी कर स्पष्ट किया कि चूंकि पूरे राज्य में रमसा के पास एक ही अधिशासी अधिकारी पदस्थापित है, लिहाजा उससे सभी जगह का काम मुमकिन नहीं होने से पहले की तरह प्रमाण पत्र अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी ही जारी करेंगे। इस बारे में पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता एनएस मीणा का कहना है कि रमसा का परिपत्र जयपुर मुख्यालय भेजा होगा, लेकिन हमारे पास वहां से कोई निर्देश नहीं है। निर्देश मिलने पर ही उसकी पालना करवाएंगे।

यह भी बताया प्रमुख शासन सचिव को

अप्रशिक्षित शिक्षिकाओं को चयनित वेतनमान भुगतान के मामले में डीईओ की लापरवाही से निदेशक को कोर्ट में तलब किया गया। डीईओ ने पंचायतीराज अधिनियम के प्रावधानों से परे जाकर 1985 में नियुक्त 5 अप्रशिक्षित अध्यापिकाओं के स्थायीकरण आदेश बदल दिए, जबकि इसका अनुमोदन जिला परिषद से हुआ था। डीईओ ने जिला परिषद की मंजूरी के बिना आदेश विड्रो कर दिया।

जिले के 502 प्रशिक्षित शिक्षकाें, जिनका चयन 1989 में हुआ। इन्हें चयनित वेतनमान नहीं देने के लिए 25-30 वर्ष पुराने स्थाईकरण आदेश में संशोधन कर चयनित वेतनमान वसूली के आदेश जारी कर दिए। पंचायतीराज अधिनियम के तहत बीडीओ, बीईईओ, जिला परिषद सीईओ या खुद डीईओ द्वारा किए आदेश के विरूद्ध किसी को संशोधन के लिए अपील का प्रावधान हैं। इसमें 90 दिन की अवधि निकलने के बाद कार्रवाई संभव है, लेकिन 25 वर्ष बाद आदेश बदलकर अनियमितता की गई।

कुछ शिक्षकों के अनियमित स्थानांतरण कर 6डी के तहत चहेते 50 से अधिक शिक्षकों के नाम सेटअप परिवर्तन से छोड़ते हुए कनिष्ठ शिक्षकों को परेशान किया गया।

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