तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2012 के तहत पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों के
समान सभी सेवा परिलाभ देने के मामले से जुड़ी याचिका का निस्तारण कर
हाईकोर्ट ने पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त, प्रारंभिक शिक्षा
विभाग के निदेशक सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को सभी सेवा परिलाभ देने
के निर्देश दिए हैं।
अधिवक्ता संदीप कलवानियां ने बताया कि अशोक कुमार सहित 25 अन्य
शिक्षकों ने याचिका दायर की थी। भर्ती परीक्षा में पूछे गए सवालों को
जांचने में हुई गड़बड़ी के कारण प्रार्थियों का मुख्य परीक्षा परिणाम में चयन
नहीं हो सका। विभाग ने करीब एक साल बाद भर्ती परीक्षा का संशोधित परिणाम
जारी किया। इसमें प्रार्थियों का चयन हो गया और उन्हें तृतीय श्रेणी शिक्षक
में पद पर नियुक्ति दे दी गई, जबकि इसी भर्ती में अन्य अभ्यर्थियों को
2012 में नियुक्ति दे दी गई। प्रार्थी शिक्षकों ने याचिका में सेवा नियमों
के अनुसार मिलने वाले सभी परिलाभ दिलाए जाने की गुहार लगाई थी। प्रार्थियों
का कहना है कि उसी परीक्षा में योग्यता हासिल की है। इसलिए उनका चयन हुआ।
अत: वेतनमान में भी समानता होनी चाहिए। सवालों की जांच में गड़बड़ी का
खामियाजा वे क्यों भुगतें। न्यायालय में याचिका दायर कर प्रार्थियों ने
न्याय मांगा था। सुनवाई में न्यायालय में उनके पक्ष में फैसला सुनाया।