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2012 में नियुक्त प्रार्थी शिक्षकों को कोर्ट ने दी राहत

शाहपुरा | पंचायती राज विभाग की ओर से 2012 में करवाई गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में नियुक्त प्रार्थी शिक्षकों को पूर्व सेवा के लाभ- परिलाभ देने के मामले में हाईकोर्ट ने राहत दी है।
कोर्ट ने प्रार्थी शिक्षकों की याचिका का निस्तारण कर पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव, प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक जयपुर जिला परिषद के सीईओ सहित अन्य को शिक्षकों के प्रतिवेदन को स्वीकार कर तय करने के निर्देश दिए है। प्रार्थी शिक्षक हेमराज सैनी एवं शहजाद अली के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने याचिका में बताया कि वर्ष 2012 में बाड़मेर जिला परिषद की ओर से करवाई भर्ती के तहत प्रार्थियों की नियुक्ति तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर हुए थी। तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर प्रार्थियों ने दो वर्ष का परिवीक्षाकाल पुरा कर लिया था। इसी बीच वर्ष 2013 में हुई शिक्षक भर्ती के तहत प्रार्थियों का गृह जिले जयपुर में समान पद पर तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर चयन हो गया। इस पर उन्होंने पूर्व सेवा से रिलीव होकर गृह जिले में समान पद पर कार्यग्रहण कर लिया, लेकिन पंचायतीराज विभाग ने दोनों भर्तियों के नियोक्ता अलग- अलग होने का हवाला देकर प्रार्थियों को पूर्व के सभी परिलाभों से वंचित कर दिया। जबकि कोर्ट ने समान प्रकरण प्रवीण कुमार यादव बनाम स्टेट ऑफ राजस्थान में ऐसे अभ्यर्थियों को राहत देते हुए सेवा नियमों के तहत पे- प्रोटेक्शन के आदेश पारित किए है। प्रार्थी शिक्षकों ने भी याचिका में पे-प्रोटेक्शन, एलपीसी एवं पूर्व में समान पद पर की गई सेवा के सभी परिलाभ दिए जाने की गुहार लगाई थी।

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